नयी दिल्ली
विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के तीसरे दिन, सोमवार को भारत के लिए गौरवशाली पल आया जब रिंकू हुड्डा ने पुरुषों की भाला फेंक F46 स्पर्धा में अपने ही हमवतन और विश्व रिकॉर्डधारी सुंदर सिंह गुर्जर को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया।
रिंकू हुड्डा ने 66.37 मीटर का शानदार भाला फेंककर अपना पहला विश्व चैंपियनशिप खिताब जीता, जबकि सुंदर सिंह गुर्जर को 64.76 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इस स्पर्धा में शामिल एक अन्य भारतीय, अजीत सिंह 61.77 मीटर की दूरी के साथ चौथे स्थान पर रहे।
F46 श्रेणी उन एथलीटों के लिए है जिनकी एक या दोनों भुजाओं की गतिविधि मामूली रूप से प्रभावित होती है या जिनका एक हाथ नहीं होता। हरियाणा के रोहतक के पास धमार गांव के एक किसान परिवार में जन्मे रिंकू का बायां हाथ बचपन में खेत में खेलते समय धान बोने वाली मशीन में फंस गया था। स्वर्ण पदक जीतने के बाद रिंकू ने कहा, “यह भारत में मेरी पहली प्रतियोगिता है। आज मेरा दिन था, इसलिए सब कुछ मेरे पक्ष में था। मैंने जो किया वह मेरे लिए एक नया अनुभव था।”
रिंकू इससे पहले 2018 एशियाई पैरा खेलों में कांस्य, 2023 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत और 2023 हांग्झोउ एशियाई पैरा खेलों में भी रजत पदक जीत चुके हैं।
पदक तालिका में भारत की छलांग
रिंकू के इस स्वर्ण पदक के साथ ही चैंपियनशिप में भारत की कुल पदकों की संख्या पाँच (दो स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य) हो गई है। इस प्रदर्शन के बल पर भारत पदक तालिका में छठे स्थान पर पहुँच गया है। पदक तालिका में चीन (4 स्वर्ण) पहले स्थान पर है, जबकि ब्राजील, पोलैंड, स्विट्जरलैंड और नीदरलैंड क्रमशः दूसरे, तीसरे, चौथे और पाँचवें स्थान पर हैं।
अन्य स्पर्धाओं में रिकॉर्ड और प्रदर्शन
दिन के अन्य सत्रों में कई नए रिकॉर्ड बने:
F40 गोला फेंक (पुरुष): तटस्थ पैरालंपिक एथलीट (NPA) डेनिस ग्नजडिलोव ने इस स्पर्धा में दो बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने अपने पाँचवें प्रयास में 11.92 मीटर की दूरी हासिल कर स्वर्ण जीता। रूस और बेलारूस के खिलाड़ी यूक्रेन पर हमले के कारण NPA के तहत प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
F44 चक्का फेंक (महिला): मैक्सिको की ओसिरिस एनेथ माचाडो ने 44.36 मीटर के थ्रो के साथ चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता।
F53 गोला फेंक (पुरुष): पोलैंड के बार्टोस्ज गोरजाक ने 8.67 मीटर का थ्रो करके मीट रिकॉर्ड बनाया।
भारतीय एथलीटों ने भी अन्य स्पर्धाओं में दमदार प्रदर्शन किया लेकिन पदक से चूक गए:
दयावंती ने महिलाओं की चक्का फेंक F46 फाइनल में 27.94 मीटर का थ्रो करके एशियाई रिकॉर्ड तो बनाया, लेकिन वह चौथे स्थान पर रहीं और कांस्य पदक से केवल 1.51 मीटर पीछे रह गईं।
आयुष वर्मा गोला फेंक F5 फाइनल में पाँचवें और अनुभवी रोंगाली रवि गोला फेंक F40 फाइनल में पदक की दौड़ से बाहर रहे।