कोचिंग करना खेलने से अधिक मुश्किल: बीरेंद्र लाकड़ा

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 30-11-2025
Coaching is more difficult than playing: Birendra Lakra
Coaching is more difficult than playing: Birendra Lakra

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 भारत के पूर्व हॉकी डिफेंडर से कोच बने बीरेंद्र लाकड़ा ने कोचिंग की जिम्मेदारी को खेलने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण मानते हुए कहा कि वह भविष्य में अवसरों का लाभ उठाने के लिए अपने कौशल में सुधार करने और नए तरीके सीखने के लिए उत्सुक हैं।
 
तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता लाकड़ा भारतीय पुरुष जूनियर हॉकी टीम के सहायक कोच हैं। वह अपने पूर्व साथी और मुख्य कोच पीआर श्रीजेश के साथ मिलकर चेन्नई और मदुरै में हो रहे एफआईएच जूनियर विश्व कप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
 
ओडिशा में जन्मे 35 वर्षीय लाकड़ा मई में जूनियर कोचिंग स्टाफ में शामिल हुए और टीम की रणनीति तय करने में उनकी भूमिका काफी अहम रहती है।
 
लाकड़ा ने ‘पीटीआई’ को बताया, ‘‘यह मेरे लिए एक नया अनुभव है। एक खिलाड़ी के तौर पर मैदान के अंदर अलग अनुभव होता है और कोच की भूमिका बिल्कुल अलग होती है। यह हालांकि मेरे लिए कोचिंग में नयी चीजें सीखने का एक मौका है।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘कोचिंग करना खेलने से थोड़ा मुश्किल है। दोनों चुनौतियां बिल्कुल अलग हैं। अधिक जिम्मेदारी होने के कारण कोचिंग ज्यादा कठिन है। कोचिंग में काफी जिम्मेदारी होती है। एक कोच को रणनीति बनानी होती है, टीम और खिलाड़ियों का प्रबंधन करना होता है, उन्हें प्रेरित करना होता है और भी बहुत कुछ।’’
 
एशियाई खेलों में स्वर्ण (2014) और कांस्य (2018) पदक जीतने वाले लाकड़ा ने अभी तक कोई एफआईएच कोचिंग कोर्स नहीं किया है, लेकिन जूनियर विश्व कप के बाद इसे पूरा करने की उनकी योजना है।
 
लाकड़ा ने कहा, ‘‘फिलहाल मेरा ध्यान जूनियर टीम पर है, लेकिन भविष्य में जब भी मुझे मौका मिलेगा मैं अपने कोचिंग कौशल को निखारने और ज्यादा आत्मविश्वास के साथ इस भूमिका को निभाते हुए नयी चीजें सीखूंगा। कोचिंग करियर के लिए यह बहुत जरूरी है। मैंने अभी तक कोई एफआईएच कोचिंग कोर्स नहीं किया है, लेकिन इस टूर्नामेंट के बाद शुरू करूंगा।’’
 
मैचों के दौरान लाकड़ा की जिम्मेदारी डगआउट में खिलाड़ियों से संवाद करने की होती है, जबकि दिग्गज श्रीजेश की पारखी नजर खेल पर होती है। वह मैच की स्थिति के अनुसार पूर्व साथी को रणनीतिक जानकारी देते हैं।
 
लाकड़ा ने कहा, ‘‘वह (श्रीजेश) गैलरी में या कहीं और ऊपर बैठते हैं और डगआउट में मुझे मैच की स्थिति के अनुसार सलाह देते हैं। वह मुझे जानकारी देते रहते हैं और मैं उन्हें खिलाड़ियों तक पहुंचा देता हूं।’’