जय हिंद’ के नारों के बीच भारत ने जीता महिला क्रिकेट विश्व कप

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 03-11-2025
Amid chants of 'Jai Hind', India won the Women's Cricket World Cup.
Amid chants of 'Jai Hind', India won the Women's Cricket World Cup.

 

अमित आनंद, नवी मुंबई

भारत की महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को नवी मुंबई के डी. वाई. पाटिल स्टेडियम में इतिहास रचते हुए पहली बार आईसीसी महिला वनडे विश्व कप अपने नाम कर लिया। शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा के हरफनमौला प्रदर्शन की बदौलत भारत ने दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में 52 रन से हराकर 52 साल के लंबे इंतजार को खत्म किया। इस जीत के साथ नारी शक्ति का परचम पूरे विश्व में लहरा गया।

جنوبی افریقہ کو شکست دے کر ہندوستانی خواتین ٹیم پہلی بار ورلڈ چیمپئن بنی۔

बारिश के कारण दो घंटे देरी से शुरू हुए मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 298 रन बनाए। शेफाली वर्मा ने 78 गेंदों में 87 रन की धमाकेदार पारी खेली और फिर गेंदबाजी में भी कमाल दिखाते हुए सुने लुस और मारिजान काप जैसे अनुभवी बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। वहीं दीप्ति शर्मा ने 58 रन बनाने के बाद पांच विकेट लेकर मैच का रुख पूरी तरह भारत की ओर मोड़ दिया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट (101) का महत्वपूर्ण विकेट लेकर भारत की जीत लगभग तय कर दी।

लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की टीम 45.3 ओवर में 246 रन पर सिमट गई। जैसे ही हरमनप्रीत कौर ने दीप्ति की गेंद पर नाडिन डि क्लार्क का कैच पकड़ा, पूरा स्टेडियम खुशी से झूम उठा। नीली जर्सियों से भरे स्टैंड्स में ‘वंदे मातरम’ और ‘मां तुझे सलाम’ की गूंज उठी। दर्शक तिरंगा लहराते हुए खिलाड़ियों के साथ जीत का जश्न मना रहे थे। स्टेडियम में मौजूद पूर्व कप्तान रोहित शर्मा और वीवीएस लक्ष्मण भी भारत के इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।

भारतीय पारी की शुरुआत स्मृति मंधाना (45 रन) और शेफाली वर्मा ने बेहतरीन अंदाज में की। दोनों ने पहले विकेट के लिए 104 गेंदों में 106 रन जोड़े। इसके बाद जेमिमा रोड्रिग्स ने 24 और रिचा घोष ने 34 रन का योगदान दिया। दीप्ति शर्मा ने 58 गेंदों पर 58 रन बनाते हुए टीम को 298 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। रिचा घोष की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने अंतिम ओवरों में रनों की रफ्तार को बढ़ाया। दक्षिण अफ्रीका के लिए आयोबोंगा खाका ने 58 रन देकर तीन विकेट हासिल किए।

दीप्ति शर्मा का प्रदर्शन पूरे टूर्नामेंट में असाधारण रहा। उन्होंने 22 विकेट झटके और 200 से अधिक रन बनाकर नया रिकॉर्ड कायम किया। उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुना गया, जबकि शेफाली वर्मा को ‘प्लेयर ऑफ द फाइनल’ का खिताब मिला। दीप्ति ने मैच के बाद कहा कि यह किसी सपने के सच होने जैसा है। उन्होंने कहा, “मैं हर जिम्मेदारी का आनंद लेती हूं, चाहे बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी। यह जीत मेरे माता-पिता को समर्पित है।”

शेफाली वर्मा के लिए यह मौका किसी वरदान से कम नहीं था। टीम की नियमित सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल के चोटिल होने के कारण उन्हें नॉकआउट मैचों में खेलने का मौका मिला, जिसे उन्होंने सुनहरे अक्षरों में दर्ज कर दिया। शेफाली ने कहा, “शायद भगवान ने मुझे इस पल के लिए तैयार किया था। भरोसा था कि मैं अच्छा करूंगी। यह अहसास शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।”

कप्तान हरमनप्रीत कौर ने ट्रॉफी थामते हुए कहा कि यह जीत पूरी टीम की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने कहा, “हमने शुरुआत में तीन मैच गंवाए थे, लेकिन उसके बाद जिस तरह टीम ने वापसी की, वह काबिल-ए-तारीफ है। हर खिलाड़ी ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। हम जानते थे कि हम चीजें बदल सकते हैं और हमने वही किया।” उन्होंने शेफाली की गेंदबाजी की तारीफ करते हुए कहा, “जब वोल्वार्ड्ट और लुस साझेदारी बना रही थीं, तब मैंने शेफाली को गेंद थमाई। उसने कहा कि अगर गेंदबाजी करूंगी तो 10 ओवर डालूंगी, और उसने वही किया। यह हमारे लिए टर्निंग प्वाइंट था।”

उपकप्तान स्मृति मंधाना ने भावुक होकर कहा, “विश्व कप जीतना किसी सपने के सच होने जैसा है। घरेलू सरजमीं पर ‘विश्व चैंपियन’ बनना अविश्वसनीय है। हमने कई बार निराशा झेली, लेकिन आज हर वह आँसू अमूल्य लग रहा है।”

दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने हार के बावजूद खेल भावना दिखाते हुए कहा, “हम भले ही हार गए हों, लेकिन भारत ने बेहतरीन क्रिकेट खेला और जीत की पूरी तरह हकदार रही।”

जैसे ही भारतीय खिलाड़ी मैदान में एक-दूसरे को गले लगा रही थीं, पूरा स्टेडियम भावनाओं से भर गया। दर्शक तिरंगे में लिपटे हुए गर्व से ‘जय हिंद’ के नारे लगा रहे थे। यह सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट की ताकत, संघर्ष और आत्मविश्वास की पहचान है।

भारत की बेटियों ने साबित कर दिया कि अब मैदान पर भी वे किसी से कम नहीं। यह जीत सिर्फ एक खेल की नहीं, बल्कि नारी शक्ति की विजय है — वह शक्ति जो हर बाधा को तोड़कर आगे बढ़ने का साहस रखती है। आज भारत की बेटियाँ विश्व क्रिकेट की नई सम्राट बन चुकी हैं — विश्व चैंपियन भारत