नवी मुंबई
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने रविवार को दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर आईसीसी वनडे विश्व कप जीतने के बाद कहा कि यह जीत पूरे दल की सामूहिक मेहनत और विश्वास की मिसाल है।
हरमनप्रीत ने कहा,“यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, पूरी टीम की है। हर खिलाड़ी ने इस ट्रॉफी में अपना योगदान दिया है। हमने टूर्नामेंट की शुरुआत में लगातार तीन मैच गंवाए थे, लेकिन उसके बाद जिस तरह से टीम ने वापसी की, वह काबिले-तारीफ थी। हमें पता था कि हम चीज़ों को बदल सकते हैं। हमने खुद पर भरोसा रखा, सकारात्मक रहे, और आज उसका नतीजा हमारे सामने है। बीसीसीआई और दर्शकों का भी शुक्रिया, जिन्होंने हर उतार-चढ़ाव में हमारा साथ दिया।”
उन्होंने शेफाली वर्मा की गेंदबाजी की तारीफ करते हुए कहा,“जब लौरा वोल्वार्ड्ट और सुने लुस बहुत अच्छा खेल रही थीं, तो मैंने शेफाली को देखा और लगा कि उसे एक ओवर देना चाहिए। उसने बल्लेबाजी में शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन जब उसने गेंद थामी, तो खेल ही बदल गया। उसने खुद कहा — ‘अगर गेंदबाजी करूंगी, तो 10 ओवर पूरे डालूंगी।’ वही इस मैच का टर्निंग प्वाइंट रहा। उसे सलाम।”
हरमनप्रीत ने आगे कहा,“दक्षिण अफ्रीका ने बहुत अच्छी बल्लेबाजी की, लेकिन आख़िरी ओवरों में वे दबाव में आ गए। दीप्ति ने बेहतरीन गेंदबाजी से वह पल हमारे पक्ष में कर दिया।”
फाइनल में शानदार प्रदर्शन करने वाली दीप्ति शर्मा ने 58 रन बनाने के साथ पांच विकेट लिए और टूर्नामेंट में कुल 22 विकेट और 200 से अधिक रन बनाकर नया रिकॉर्ड कायम किया। उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुना गया, जबकि शेफाली वर्मा को ‘प्लेयर ऑफ द फाइनल’ घोषित किया गया।
दीप्ति ने जीत के बाद कहा,“यह पल किसी सपने से कम नहीं है। अच्छा लग रहा है कि मैंने फाइनल में टीम के लिए योगदान दिया। मैं हमेशा जिम्मेदारी निभाने का आनंद लेती हूं — चाहे बल्लेबाजी हो, गेंदबाजी या फील्डिंग। मैं यह ट्रॉफी अपने माता-पिता को समर्पित करती हूं।”
शेफाली वर्मा, जो चोटिल प्रतिका रावल की जगह टीम में शामिल हुई थीं, भावुक नजर आईं।उन्होंने कहा,“लगता है भगवान ने मुझे कुछ बड़ा करने के लिए भेजा था। सीधे नॉकआउट मैच में उतरना आसान नहीं था, लेकिन परिवार और टीम का पूरा समर्थन था। यह पल ज़िंदगीभर याद रहेगा.”“हमारी योजना साफ थी, और मैं खुश हूं कि मैं उसी के मुताबिक खेल सकी। सीनियर खिलाड़ियों ने बस यही कहा था — ‘अपना खेल खेलो।’”
उपकप्तान स्मृति मंधाना ने कहा,“विश्व चैंपियन बनना किसी सपने जैसा है। अभी यकीन नहीं हो रहा। क्रिकेट मैदान पर मैं कभी इतनी भावुक नहीं हुई। यह अविश्वसनीय पल है — अपनी धरती पर विश्व कप जीतना गर्व की बात है। पिछले कई सालों में हमने बहुत निराशाएं झेली हैं, लेकिन यह जीत उन सभी का जवाब है। पिछले 40 दिन सपने जैसे बीते। अगर विश्व कप जीतने के लिए 45 दिन और जागना पड़े, तो वह भी करूँगी।”
दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट, जिन्होंने 101 रन की शानदार पारी खेली, ने कहा,“मुझे अपनी टीम पर गर्व है, लेकिन भारत ने हमसे बेहतर खेल दिखाया। उन्होंने हर विभाग में हमें पछाड़ा।”
फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शेफाली वर्मा (78 गेंद में 87 रन) और दीप्ति शर्मा (58 रन) के अर्धशतकों की मदद से 7 विकेट पर 298 रन बनाए।
लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की टीम कप्तान वोल्वार्ड्ट के शतक के बावजूद 45.3 ओवर में 246 रन पर सिमट गई। दीप्ति ने 39 रन देकर पांच विकेट, शेफाली ने दो विकेट, और श्री चरणी ने एक विकेट हासिल किया।
भारत की ओर से स्मृति मंधाना (45 रन) और विकेटकीपर ऋचा घोष (34 रन) ने भी अहम योगदान दिया।इस ऐतिहासिक जीत के साथ भारत ने 52 साल के खिताबी सूखे को खत्म करते हुए महिला वनडे विश्व कप का पहला ताज अपने नाम किया — और हरमनप्रीत की शेरनियों ने साबित कर दिया कि नारी शक्ति अब क्रिकेट की दुनिया में भी विश्व विजेता बन चुकी है।