यमुना का पानी मजनू का टीला की गलियों में घुसा; घर-दुकानें डूबीं, जनजीवन अस्त-व्यस्त

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 05-09-2025
Yamuna water entered the streets of Majnu ka Tila; houses and shops submerged, normal life disrupted
Yamuna water entered the streets of Majnu ka Tila; houses and shops submerged, normal life disrupted

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
यमुना का उफनता पानी इस सप्ताह उत्तर दिल्ली के मजनू का टीला की तंग गलियों में घुस आया, जिससे दर्जनों घर और दुकानें जलमग्न हो गईं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
 
पानी के उतरने के बाद इलाके में गीली लकड़ियां, टूटी मशीनें और ठहरे हुए नालों के गंदे पानी की बदबू अहसास कराती है कि बहुत कुछ अब नए सिरे से शुरू करना होगा.
 
नदी किनारे बसी इस तिब्बती कॉलोनी में आम दिनों में कैफे छात्रों से गुलजार रहते हैं, टैटू पार्लर की नियोन लाइट जलती हैं और किराए के कमरों में चलने वाले होम-स्पा व्यस्त रहते हैं। लेकिन अब बाढ़ ने रोजमर्रा की जिंदगी को संघर्ष में बदल दिया है.
 
बाढ़ ने रेस्टोरेंट से लेकर टैटू पार्लर, सैलून, होम-स्पा और परिधान दुकानों तक हर तरह के व्यवसाय को प्रभावित किया है। कई दुकान मालिक अब अपने दफ्तर में ही सोने को मजबूर हैं, जबकि मशीनों के खराब हो जाने से सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं.
 
रेस्टोरेंट चलाने वाले जुंगी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनके रेस्टोरेंट के पीछे स्थित घर की छत तक पानी आ गया। ‘‘पिछले 15 वर्ष से मेरा परिवार यह रेस्टोरेंट चला रहा है। हर बार जब यमुना का जलस्तर बढ़ता है, हमारा घर डूब जाता है। इस बार तो सब कुछ... बिस्तर, फर्नीचर, कपड़े... सब पानी में चला गया। रेस्टोरेंट ऊपरी मंज़िल पर है, इसलिए वह बच गया, लेकिन हमारा घर और सामान सब तबाह हो गया.’
 
कई दुकानदारों ने बताया कि उन्हें पास के होटलों में शरण लेनी पड़ी है.
 
मजनू का टीला में करीब दो दशक से रह रहे लाबसांग सेरिंग ने बताया कि कई परिवार ऊंचे इलाकों में किराए के कमरों में रह रहे हैं, जबकि कुछ लोग अपनी दुकानों के भीतर ही सो रहे हैं ताकि व्यवसाय से दूरी न हो.
 
इलाके में संचार व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। मोबाइल नेटवर्क बाधित है और बिजली आपूर्ति भी अनियमित है। दुकानदारों ने बताया कि उन्होंने स्टाफ के साथ समन्वय के लिए वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल शुरू किया है.
 
जुंगी ने कहा ‘‘फोन बंद रखते हैं ताकि इमरजेंसी के लिए बैटरी बची रहे.