So far in the year 2025, 183 cases of technical glitches have been reported in airlines
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
देश में इस वर्ष अब तक विमानों में तकनीकी गड़बड़ी के 183 मामले सामने आए हैं, जबकि 2024 में ऐसे मामलों में लगभग छह प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। यह जानकारी सरकार ने सोमवार को राज्यसभा को दी.
नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पिछले पांच वर्षों में (जून 2025 तक) विमानों में गंभीर खराबी के 2,094 मामलों की जांच की गई है.
उन्होंने बताया कि 12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 260 लोगों की मृत्यु हुई थी. उन्होंने बताया कि एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले महत्वपूर्ण हिस्सों की जांच और निरीक्षण की प्रक्रिया को और कड़ा कर दिया है ताकि प्रणालीगत खामियों की पहचान कर उन्हें दुरुस्त किया जा सके.
एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, निर्धारित उड़ानों में तकनीकी खराबी के मामलों में पिछले वर्षों के मुकाबले गिरावट देखी गई है. इस साल जुलाई तक ऐसे मामलों की संख्या 183 है. वर्ष 2024 में विमानों में तकनीकी खराबी के मामलों की संख्या 421, वर्ष 2023 में 448, वर्ष 2022 में 528, और वर्ष 2021 में 514 थी.
नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोज ने एक अन्य लिखित उत्तर में बताया कि 2024 में तकनीकी खराबी के मामलों की संख्या 2023 की तुलना में 5.9 प्रतिशत कम रही.
नायडू ने आश्वस्त किया कि विमानों के सुरक्षित परिचालन और रखरखाव के लिए डीजीसीए के पास व्यापक और स्पष्ट नागरिक उड्डयन नियमावली है, जिसे अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) और यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी (ईएएसए) के मानकों के अनुसार लगातार अद्यतन किया जाता है.
उन्होंने बताया कि डीजीसीए के पास दर्ज यात्रियों की शिकायतों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने बताया कि इस साल यानी 2025 में 23 जुलाई तक 3,925 शिकायतें मिलीं. उनके अनुसार, वर्ष 2024 में 4,016 शिकायतें, वर्ष 2023 में 5,513 शिकायतें, वर्ष 2022 में 3,782 शिकायतें और वर्ष 2021 में 4,131 शिकायतें मिली थीं.