आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार के एक वायरल वीडियो और उनके सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने तीखे सवाल खड़े किए. उन्होंने पवार के बयान और उनकी पार्टी के एमएलसी अमोल मिटकरी की कार्रवाई को एक-दूसरे के विरोधाभासी बताया।
मामला सोलापुर जिले के माढा तहसील के कुर्दु गांव में अवैध मिट्टी खुदाई रोकने पहुंची महिला आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा से जुड़ा है. 21 अगस्त को निरीक्षण के दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच विवाद बढ़ने पर एनसीपी (अजीत पवार गुट) के कार्यकर्ता बीच में आए। इसी दौरान नेता बाबा जगताप ने अधिकारी को फोन थमाया, जिसके बाद अधिकारी और अजीत पवार के बीच बातचीत हुई.
वायरल वीडियो में महिला आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा पवार से कहती सुनाई देती हैं, “सर, क्या आप एक काम कर सकते हैं और मुझे सीधे कॉल कर सकते हैं?” इस पर पवार जवाब देते हैं, “बस एक मिनट, मैं आपके खिलाफ कार्रवाई करूंगा. मैं आपसे बात कर रहा हूं और आप मुझे सीधे कॉल करने को कह रही हैं? इतना आपको डेरिंग हुआ है क्या?”
वीडियो के वायरल होने के बाद अजीत पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर सफाई देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य पुलिस के कामकाज में दखल देने का नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि मौके की स्थिति शांत रहे और और अधिक न बढ़े। उन्होंने कहा, “मेरा ध्यान सोलापुर में पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के कुछ वीडियो पर गया है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरा उद्देश्य कानून प्रवर्तन में हस्तक्षेप करना नहीं था, बल्कि स्थिति को शांत बनाए रखना था। मैं पुलिस बल और विशेष रूप से महिला अधिकारियों के प्रति उच्चतम सम्मान रखता हूं और कानून के शासन को सर्वोच्च मानता हूं.”
पवार ने यह भी भरोसा दिलाया कि अवैध रेत खनन सहित हर अवैध गतिविधि पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इसी बीच, पवार की पार्टी के एमएलसी अमोल मिटकरी ने यूपीएससी को पत्र लिखकर आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा के शैक्षणिक और जाति प्रमाणपत्रों की जांच की मांग की है.
प्रियंका चतुर्वेदी ने इस विरोधाभास पर निशाना साधते हुए ‘X’ पर पोस्ट किया, “तो अजीत पवार जी अपने ‘X’ पोस्ट में महिला अधिकारी को धमकाने वाले वायरल वीडियो पर कहते हैं, ‘मैं पुलिस बल और महिला अधिकारियों के प्रति सर्वोच्च सम्मान रखता हूं और कानून के शासन को सर्वोपरि मानता हूं.’ और वहीं उनकी पार्टी के एमएलसी अमोल मिटकरी महिला आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा के शैक्षणिक और जाति दस्तावेजों की जांच की मांग कर रहे हैं. अजीत पवार जी का ‘X’ पोस्ट किसने ड्राफ्ट किया है? क्या उन्हें पता है कि उनके हैंडल से क्या पोस्ट हुआ है और उनका एमएलसी क्या कर रहा है?”
प्रियंका चतुर्वेदी के इस बयान के बाद मामला और राजनीतिक रंग ले चुका है। पवार पहले ही वायरल वीडियो में अपने बयानों को लेकर सफाई दे चुके हैं और पारदर्शी शासन की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा है कि अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई होगी.