New GST rates will be implemented from Navratri, economy will get a new dimension: Ashwini Vaishnav
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि 2025-26 के बजट में घोषित आयकर राहत और नई जीएसटी दरों का मिलाजुला असर भारतीय अर्थव्यवस्था को “एक और स्तर” पर ले जाएगा. पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि “2014 से पहले कर व्यवस्था बहुत जटिल थी। एक ही वस्तु पर कई स्तरों पर टैक्स लगता था. जीएसटी ने इसे सरल बनाया है. अब दरों का तर्कसंगत (रैशनलाइजेशन) और सरलीकरण लोगों के जीवन को आसान बनाएगा.
उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर से नई जीएसटी दरें लागू हो जाएंगी. “प्रधानमंत्री मोदी ने जो वादा लालकिले की प्राचीर से किया था, वह अब पूरा हुआ है,” उन्होंने कहा.
वैष्णव ने अनुमान पेश किया कि जीएसटी सुधार उपभोग में बढ़ोतरी लाकर अर्थव्यवस्था को गति देंगे। “हमारा जीडीपी 3.30 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें 2.02 लाख करोड़ रुपये उपभोग है. यदि उपभोग 10% भी बढ़ा तो जीडीपी में 20 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त योगदान होगा,” उन्होंने कहा.
इस बार के ‘नेक्स्ट-जेनरेशन’ जीएसटी रैशनलाइजेशन में रोजमर्रा की ज़रूरत के सामान सस्ते हो जाएंगे। जिन उत्पादों पर पहले 18% जीएसटी लगता था—जैसे हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप, टूथब्रश, शेविंग क्रीम—उन पर अब 5% कर लगेगा। इसी तरह, मक्खन, घी, पनीर, नमकीन और मिश्रणों की दर भी 12% से घटाकर 5% कर दी गई है.
बच्चों के लिए फीडिंग बोतल, बेबी नैपकिन, क्लिनिकल डायपर, सिलाई मशीन और उनके पुर्जों पर भी अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। कृषि क्षेत्र के लिए भी बड़ा फायदा है—ट्रैक्टर और उनके टायर-पार्ट्स की जीएसटी दर 18% और 12% से घटाकर 5% कर दी गई है.
स्वास्थ्य क्षेत्र को भी राहत मिली है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य व जीवन बीमा पॉलिसियों पर अब जीएसटी नहीं लगेगा, जबकि पहले यह 18% था। थर्मामीटर, मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर और टेस्ट स्ट्रिप्स जैसी वस्तुएं भी अब 12% की जगह 5% के स्लैब में आएंगी। करेक्टिव चश्मों (स्पेक्टेकल्स) की जीएसटी भी 5% कर दी गई है.