देश में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई में 16 महीने के उच्च स्तर पर

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 01-08-2025
Manufacturing sector growth in the country reached a 16-month high in July
Manufacturing sector growth in the country reached a 16-month high in July

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई में मजबूत होकर 16 महीने के उच्च स्तर 59.1 पर पहुंच गई.अनुकूल मांग परिस्थितियों के बीच नए ऑर्डर और उत्पादन में तेजी से इसे समर्थन मिला। शुक्रवार को जारी मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई.
 
मौसमी रूप से समायोजित 'एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (पीएमआई) जून के 58.4 से बढ़कर जुलाई में 59.1 हो गया। यह मार्च 2024 के बाद से इस क्षेत्र में सबसे मजबूत सुधार का संकेत है.
 
पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है.
 
एचएसबीसी के मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘ भारत की विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई में 59.1 रही जो पिछले महीने के 58.4 से अधिक है। यह 16 महीने में दर्ज सबसे अधिक दर है जिसे नए ऑर्डर और उत्पादन में मजबूत वृद्धि से बल मिला.’’
 
सर्वेक्षण के अनुसार, कुल बिक्री करीब पांच वर्ष में सबसे तेज गति से बढ़ी. इसके बाद जुलाई में उत्पादन वृद्धि बढ़कर 15 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई.
 
कारोबारी परिदृश्य के संबंध में सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतीय विनिर्माता आगामी 12 महीनों में उत्पादन में वृद्धि को लेकर आश्वस्त हैं लेकिन समग्र सकारात्मक भावना का स्तर तीन वर्ष में अपने निम्न स्तर पर आ गया है.
 
कीमतों के मोर्चे पर सर्वेक्षण में कहा गया कि जुलाई में लागत का दबाव और बढ़ गया. एल्युमीनियम, चमड़ा, रबर और इस्पात की कीमतों में बढ़ोतरी की खबरों के बीच कच्चे माल की औसत लागत जून की तुलना में तेजी से बढ़ी.
 
इसमें कहा गया कि समिति के सदस्यों के अनुसार अनुकूल मांग की स्थिति से उनके शुल्क में वृद्धि संभव हुई.
 
एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 विनिर्माताओं के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है.
 
विपक्षी सांसदों की मांग है कि इस विषय पर संसद में विशेष चर्चा होनी चाहिए.