आठ दशकों से आसमान के रक्षक

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 07-10-2021
भारतीय वायुसेना सक्षम और सबल है
भारतीय वायुसेना सक्षम और सबल है

 

आवाज विशेष । भारतीय वायुसेना दिवस

प्रो. (डॉ.) डीके पांडेय

भारतीय वायु सेनादशकों से कट्टर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से खतरे पर केंद्रित रहा, लेकिनयह अब दो मोर्चों पर हवाई युद्ध की संभावना का सामना कर रहा है. चीन के साथ जारी तनाव, अफगानिस्तान में भविष्य को लेकर अनिश्चितता और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य के बीच भारतीय वायुसेना अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मजबूर है.

चीन ने पाकिस्तान को विभिन्न प्रकार के लड़ाकू ड्रोन बेचने की घोषणा की है. पाकिस्तान चीनी स्ट्राइक एयरक्राफ्ट भी खरीद सकता है. जे-10और जे-11लड़ाकू विमानों के साथ चीन की अपनी वायु सेना और 'तथाकथित' स्टील्थ फाइटर जे-20भी भारतीय वायुसेना के लिए खतरा हैं. चीन तेजी से अपनी पश्चिमी सीमाओं पर हवाई अड्डों और सैन्य छावनियों का निर्माण और विस्तार कर रहा है.

आज भी, वायुसेना इन्वेंट्री में सबसे बड़े बेड़े मिग-21, मिग-29और सु-30एमकेआइ के हैं. फ्रांसीसी फर्म दसॉ एविएशन द्वारा अब तक 36राफेल मल्टीरोल लड़ाकू विमानों में से छब्बीस की डिलीवरी की गई है, और कुछ को किसी भी चीनी खतरे का मुकाबला करने के लिए पहले ही तैनात किया जा चुका है. राफेल, 22एएच-64अपाचे गनशिप, 15सीएच-47चिनूक हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता में काफी वृद्धि हुई है.

भारत में विकास में कई हाई-प्रोफाइल घरेलू परियोजनाएं भी हैं. यह 2025 तक अपने स्वयं के पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू कार्यक्रम से एक प्रोटोटाइप उड़ाने की योजना बना रहा है और हाल ही में एक मानव रहित लड़ाकू जेट कार्यक्रम का अनावरण किया है

वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल (एसीएस) वी.आर. चौधरी ने कहा है कि लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए)-एमके1ए के चार स्क्वाड्रन, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के छह और मीडियम रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमआरएफए) के छह स्क्वाड्रन और फिर मिग-21के फेजआउट में फैक्टरिंग करते हैं. जगुआर, मिराज-2000और मिग-29, बल अगले दशक में 35स्क्वाड्रन में रहेगा.

लाइटवेट फाइटर जेट के लिए मूल ऑर्डर, 40एचएएल तेजस मार्क 1फाइटर्स को 83बेहतर तेजस मार्क 1ए वेरिएंट के अतिरिक्त ऑर्डर द्वारा पूरक किया गया था, जिसमें उत्पादन को गति देने के लिए दूसरी प्रोडक्शन लाइन बनाई जा रही थी.

भारतीय वायुसेना114मीडियम मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमएमसीए) की भी मांग कर रहा है.

वर्षों से, भारत अपने अधिकांश सैन्य हार्डवेयर के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर रहा है. विभिन्न हितधारकों के साथ-साथ वित्तीय तनाव के साथ तेजी से बदलते संबंधों को देखते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' कार्यक्रम शुरू किया है.

परिष्कृत विमानों को शामिल करने के लिए प्रासंगिक बुनियादी ढांचे और आवश्यक सहायता संसाधनों की भी आवश्यकता होती है. संचालन के सफल संचालन के लिए नेटवर्क केंद्रित एकीकरण के साथ तीनों सेवाओं द्वारा संचालन की संयुक्त योजना और निष्पादन सर्वोपरि है. इस प्रकार, एक मजबूत नेटवर्किंग और संचार प्रणाली, संबद्ध सक्षम रखरखाव समर्थन, महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला तंत्र के साथ सबसे महत्वपूर्ण है 'मैन बिहाइंड मशीन'.

वायु योद्धाओं को मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम होना चाहिए. आवश्यक, वित्तीय और प्रशासनिक सहयोग से उनका मनोबल और भी मजबूत होगा.  

एक अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी संचालित संगठन होने के नाते, भारतीय वायुसेना एक बहुआयामी आधुनिकीकरण और विस्तार के प्रयास के बीच में है. सरकार को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है क्योंकि विभिन्न परियोजनाओं का पालन और समय पर उपलब्धियां ही भारतीय वायुसेना को लड़ाकू भूमिकाओं के निष्पादन में अधिक कुशल और प्रभावी बना सकती हैं.

(प्रो. (डॉ.) डीके पांडेयगलगोटिया विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं)