सलीम समद
भारत के जम्मू-कश्मीर स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी (पहलगाम) में हुए निर्दोष पर्यटकों के सामूहिक नरसंहार ने न केवल भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है, बल्कि इसने दक्षिण एशिया के अन्य देशों, विशेष रूप से बांग्लादेश को भी झकझोर कर रख दिया है.
भारत द्वारा इस भीषण घटना के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने और इसे "सीमा पार आतंकवाद" करार देने से दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच तनाव खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है.
इस घातक हमले में, जिसे सांप्रदायिक सोच से प्रेरित इस्लामी आतंकवादियों ने अंजाम दिया, मुख्य रूप से हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया गया, जिससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को गंभीर चुनौती मिली है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री की बांग्लादेश यात्रा स्थगित
इस हमले के कुछ ही घंटों बाद, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अपनी निर्धारित 27-28 अप्रैल की ढाका यात्रा को अचानक रद्द कर दिया.पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी संक्षिप्त बयान में कहा गया कि "अप्रत्याशित परिस्थितियों" के चलते यह दौरा स्थगित किया गया है, और भविष्य में आपसी सहमति से नई तिथि तय की जाएगी.
हालांकि, राजनयिक हलकों में माना जा रहा है कि यह फैसला भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र लिया गया है.बांग्लादेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 25 वर्षों बाद पहली बार किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री का ढाका दौरा होने जा रहा था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, कृषि, संचार, और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग की उम्मीदें बढ़ गई थीं.
दक्षिण एशियाई हवाई संपर्क पर असर
पहलगाम घटना के बाद उत्पन्न कूटनीतिक संकट ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क पर भी असर डाला है.बांग्लादेशी अधिकारी ने जानकारी दी कि "फ्लाई जिन्ना" एयरलाइन की कराची-ढाका सीधी उड़ान को अनिश्चित काल के लिए रद्द कर दिया गया है.
यह भी बताया गया कि जब तक भारत के ऊपर से उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिलती, तब तक पाकिस्तान की कई पूर्वी गंतव्यों (जैसे काठमांडू और ढाका) की उड़ानें बाधित रहेंगी. दूसरी ओर, भारत ने भी पाकिस्तान के ऊपर से उड़ने वाली कई उड़ानों पर रोक लगा दी है, जिससे यूरोप और पश्चिम एशिया जाने वाले कई यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
गुजरात में बांग्लादेशी प्रवासियों की गिरफ्तारी
इस पूरे परिदृश्य के बीच, भारत के गुजरात राज्य से एक और चिंताजनक खबर सामने आई है.गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने जानकारी दी कि 1,000 से अधिक बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. सरकार के अनुसार, इन सभी को जल्द से जल्द बांग्लादेश वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है.
मंत्री ने आरोप लगाया कि इनमें से कई ड्रग तस्करी और मानव तस्करी में शामिल हैं, और चार गिरफ्तार बांग्लादेशियों में से दो के संबंध अलकायदा के स्लीपर सेल से जुड़े हुए पाए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इन लोगों की पृष्ठभूमि और गतिविधियों की जांच की जा रही है.
बांग्लादेश की शांति की अपील
बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने भारत-पाक तनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि,"हमारा रुख स्पष्ट है – बांग्लादेश दक्षिण एशिया में शांति चाहता है. भारत और पाकिस्तान के बीच लम्बे समय से चले आ रहे विवादों को बातचीत से सुलझाना ही एकमात्र समाधान है."
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है.
पहलगाम हत्याकांड केवल एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया की राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता पर गहरा प्रभाव डालने वाली त्रासदी बन चुका है. भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों की तपिश अब बांग्लादेश तक पहुंच चुकी है, जिससे क्षेत्रीय कूटनीति, व्यापार और मानवाधिकारों पर संकट मंडरा रहा है.
बांग्लादेश अब न सिर्फ भू-राजनीतिक संतुलन साधने की कोशिश कर रहा है, बल्कि अपनी सीमाओं के भीतर प्रवासियों और हवाई संपर्क जैसी चुनौतियों का भी सामना कर रहा है.क्या आप चाहेंगे कि इस खबर के साथ मैं एक क्षेत्रीय नक्शा या इन्फोग्राफिक जोड़ूं जिसमें उड़ान मार्ग और प्रभावित क्षेत्रों को दिखाया गया हो?
(लेखक बांग्लादेश के स्वतंत्र पत्रकार हैं और यह उनके अपने विचार हैं)