डोनाल्ड ट्रम्प का दूसरा कार्यकाल: अमेरिका और दुनिया के लिए संभावित नीतियों का प्रभाव

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 07-11-2024
Donald Trump's second term: Impact of possible policies for the US and the world
Donald Trump's second term: Impact of possible policies for the US and the world

 

गुलाम कादिर

डोनाल्ड ट्रम्प एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं और उनके दूसरे कार्यकाल को लेकर विचार-विमर्श तेज हो गया है. वर्तमान उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस के खिलाफ़ ट्रम्प ने एक बड़ी जीत दर्ज की है.दूसरी ओर ट्रम्प के प्रस्तावित एजेंडे और "प्रोजेक्ट 2025" जैसे दस्तावेजों ने उनके नीतिगत रुख और संभावित सत्तावादी झुकाव पर डेमोक्रेट्स की चिंताओं को बढ़ाया है.

वैश्विक राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत

डोनाल्ड ट्रम्प का दूसरा कार्यकाल अमेरिका और वैश्विक राजनीति में बड़े बदलाव ला सकता है. उनकी आर्थिक, सामाजिक, और विदेश नीतियाँ अपने पहले कार्यकाल की तरह मजबूत लेकिन विवादास्पद हैं. ट्रम्प के समर्थकों का मानना है कि उनके कदम अमेरिका को आर्थिक लाभ और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से मजबूती प्रदान कर सकते हैं.

जबकि विरोधियों का मानना है कि उनकी नीतियों से लोकतांत्रिक मान्यताओं और वैश्विक स्थिरता को खतरा हो सकता है.भारत ने ट्रंप की जीत के साथ ही अमेरिका से रिश्ते और प्रगाढ़ होने के संकेत दे दिए हैं. इसके बावजूद ट्रंप की पिछली जैसी नीतियां रही हैं और सत्ता से उतरने के बाद भारत के प्रति उनके जैसे बयान रहे हैं, उस आधार पर देखें तो देश को चैकन्ना रहने की जरूरत है.

अर्थव्यवस्था और व्यापार नीति

ट्रम्प के पिछले कार्यकाल की तरह, इस बार भी उनकी प्राथमिकताओं में अमेरिका की अर्थव्यवस्था और व्यापार पर सख्त रुख शामिल हैं. उन्होंने सभी आयातों पर 10 से 20 प्रतिशत तक के टैरिफ़ लगाने की बात कही है, जबकि चीन के मामलों में उन्होंने यह दर 60 प्रतिशत या उससे भी अधिक करने का सुझाव दिया है.

उनका मानना है कि इससे अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही, उन्होंने घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को 21 से घटाकर 15 प्रतिशत करने का भी वादा किया है. निम्न आय वर्ग के लिए ट्रम्प ने "SALT" कर कटौती पर सीमा समाप्त करने, ओवरटाइम वेतन पर टैक्स हटाने और सामाजिक सुरक्षा लाभों पर टैक्स कम करने की बात कही है.

ट्रम्प का समर्थन तेल और गैस उद्योगों के प्रति भी स्पष्ट है, जिसमें अलास्का के आर्कटिक नेशनल वाइल्डलाइफ रिफ्यूज में ड्रिलिंग को फिर से शुरू करने और नई पाइपलाइनों के निर्माण का वादा शामिल है.

इसके अतिरिक्त, उन्होंने ऑटो उद्योग को समर्थन देने के लिए यूएस-मेक्सिको सीमा से आने वाली कारों पर 200 प्रतिशत तक का टैरिफ़ लगाने का भी सुझाव दिया है. यह कदम अमेरिकी ऑटो निर्माण को बढ़ावा देने के साथ-साथ चीन से आयात पर निर्भरता को कम करने का एक प्रयास हो सकता है.

विदेश नीति और भू-राजनीतिक तनाव

ट्रम्प की विदेश नीति का मुख्य फोकस चीन और रूस जैसे देशों पर रहेगा. चीन के प्रति उनका रुख विशेष रूप से सख्त है, जिसमें चीन से आयात पर भारी टैरिफ़ लगाने का प्रस्ताव है. उन्होंने यह भी कहा है कि अगर चीन ताइवान पर आक्रमण करता है तो वह उन पर अतिरिक्त शुल्क लगाएंगे.

हालांकि ताइवान की रक्षा के लिए सैन्य हस्तक्षेप पर उनका रुख असंयमित है. इसके अलावा, ट्रम्प ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपने रुख के संदर्भ में यूक्रेन को कुछ रियायतें देने की संभावना का भी संकेत दिया है, जो मौजूदा नीति से भिन्न हो सकता है.

यूरोप के साथ अपने पिछले कार्यकाल के दौरान उनके संबंध काफी पेचीदा रहे थे. इस बार भी उन्होंने यूरोपीय संघ को पर्याप्त अमेरिकी निर्यात न खरीदने के लिए “भारी कीमत चुकाने” की चेतावनी दी है. ट्रम्प का मानना है कि उनके संरक्षणवादी रुख से अमेरिका में डॉलर की स्थिति मजबूत हो सकती है, जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था को फायदा होगा.

जलवायु और ऊर्जा नीति

ट्रम्प ने पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को दोबारा बाहर निकालने का संकल्प लिया है, जिसमें जीवाश्म ईंधन उत्पादन को प्रोत्साहित करने और घरेलू ऊर्जा आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने का वादा भी शामिल है.

उन्होंने नई ऊर्जा परियोजनाओं की अनुमति प्रक्रिया को आसान बनाने और प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों के निर्माण का भी समर्थन किया है. इसके साथ ही, उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कर क्रेडिट हटाने और ऑटो उत्सर्जन मानकों में ढील देने का संकेत दिया है.

आव्रजन और सीमा सुरक्षा

आव्रजन नीति में ट्रम्प का रुख और अधिक सख्त हो गया है. उन्होंने चुनाव प्रचार में अपराध दर और अप्रवासियों के बीच संबंध स्थापित करने की कोशिश की है और "अवैध प्रवासियों" के लिए मृत्युदंड की मांग की है. इसके साथ ही, उन्होंने आव्रजन पर नियंत्रण कड़ा करने के अपने संकल्प को फिर से दोहराया है, जो पिछले चुनावों में भी उनका एक मुख्य चुनावी मुद्दा रहा था.

प्रजनन अधिकार और सामाजिक नीतियाँ

महिलाओं के प्रजनन अधिकारों को लेकर ट्रम्प का रवैया एक चुनौती बना हुआ है. उन्होंने खुद को "आईवीएफ का जनक" बताया है, जबकि कुछ रिपब्लिकन प्रजनन चिकित्सा प्रक्रियाओं का विरोध करते हैं. ट्रम्प की योजना में गर्भपात की गोलियों की बिक्री पर प्रतिबंध और अन्य सख्त उपाय शामिल हैं, जो प्रजनन स्वतंत्रता के समर्थकों को चिंतित कर सकते हैं.

( लेखक डब्ल्यूसीएल में उच्च पदों पर रह चुके हैं)