अमीरा अलगावाबी और कनाडा में इस्लामोफोबिया की बढ़ती घटनाएं

Story by  हरजिंदर साहनी | Published by  [email protected] | Date 02-10-2023
Amira Alghaabi and the rising incidents of Islamophobia in Canada
Amira Alghaabi and the rising incidents of Islamophobia in Canada

 

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इन दिनों कनाडा से आने वाली ज्यादातर खबरें अच्छी नहीं हैं. गंठबंधन सरकार के दबावों चलते प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने भारत से रिश्ते खराब कर लिए हैं. और साथ ही वहां खत्म होने की कगार पर पहंुच रहा खालिस्तान आंदोलन एक बार फिर जाग उठा है. सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं और जनमत संग्रह जैसे नाटक भी चल रहे हैं जो फ्लाॅप हो चुका है.

लेकिन पिछले दिनों इसी कनाडा से एक अच्छी खबर भी आई थी, यह बात अलग है कि इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया.कनाडा की पत्रकार और मानव अधिकार कार्यकर्ता अमीरा अलगावाबी को एंटी-इस्लामफोबिया आॅफिसर बनाया गया है.
 
इस्लाम और मुसलमानों के प्रति नफरत को खत्म करने के लिए पहली बार दुनिया के किसी देश ने इस तरह की व्यवस्था की है. मुसलमानों ही नहीं किसी भी तरह के अल्पसंख्यकों के लिए इस तरह की व्यवस्था शायद ही पहले किसी देश में की गई हो.
 
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इस बदलाव के तार कनाडा में 2021 में हुई उस घटना से जुड़े हैं जब एक ट्रक ड्राईवर ने फुटपाथ पर जा रहे एक मुस्लिम परिवार पर ट्रक चढ़ा दी थी. लंदन नाम के इलाके में यह परिवार शाम को सड़क पर टहलने निकला था.
 
इससे परिवार के चार लोग की वहीं मौत हो गई. इनमें तीन महिलाएं थी जिन्होंने हिजाब पहना था और इससे चिढ़ कर उस  ड्राईवर ने इस वारदात को अंजाम दे डाला. बाद की जांच से भी यह साफ हो गया कि ये पूरी घटना नफरत और इस्लाम फोबिया का नतीजा थी.
 
कनाडा में इस्लामफोबिया और इसके कारण होने वाली हिंसा की यह पहली घटना नहीं थी, लेकिन हर बार थोड़े बहुत हंगामे और मीडिया की कुछ चर्चाओं के बाद मामला शांत हो जाता था. लेकिन इस बार बात यहीं रुकी नहीं.
 
इस बीच जब आंकड़ें आने शुरू हुए तो पता पड़ा कि कनाडा में इस्लामफोबिया को लेकर होने वाली वारदात 71 प्रतिशत बढ़ गई हैं. आंकड़ों से एक बात और सामने आई कि जी-7 देशों में मुस्लमानों के खिलाफ सबसे ज्यादा हिंसा कनाडा में ही हो रही है.
 
ये घटनाएं वहां तब हो रहीं थी जब कनाडा सरकार ने बाकायदा नस्ली आधार पर भेदभाव खत्म करने के लिए एक नीति बनाई थी.। इस नीति की एक खास बात यह थी कि इसमें इस्लामफोबिया को भी परिभाषित किया गया था, लेकिन नीति और परिभाषा से नफरत व हिंसा नहीं रुके.
 
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लंदन की वारदात के बाद जब सरकार पर दबाव बढ़ा तो कनाडा की कमेटी आॅन ह्यूमन राइट ने इस्लामफोबिया और इससे जुड़ी हिंसा की घटनाओं पर एक अध्यन शुरू किया. हालांकि अभी तक इस अध्यन की रिपोर्ट नहीं जारी हुई है. लेकिन इस बीच अमीरा को एंटी इस्लामफोबिया आॅफीसर बनाने से यह तो साफ हो गया है कि कनाडा इस समस्या को लेकर वाकई गंभीर है.
 
यह उन देशों के लिए भी उदाहरण बन सकता है जहां नफरत सारे समाज को परेशान कर रही है. क्या कोई इस उदाहरण से सबक लेगा ?
 
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं )