एक रहस्यमयी सीट 11A : दो विमान हादसे, दो बचे हुए लोग

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 15-06-2025
A mysterious seat 11A: two plane crashes, two survivors
A mysterious seat 11A: two plane crashes, two survivors

 

अर्लसा खान/नई दिल्ली 

क्या कभी किसी ने सोचा है कि एक विमान में कौन-सी सीट सबसे सुरक्षित हो सकती है? शायद नहीं..लेकिन एक सीट है जिसने दो दशकों में दो बार मौत को मात दी है – सीट नंबर 11A. साल 1998 और 2025, दो अलग-अलग देश, दो अलग-अलग विमान दुर्घटनाएं और दोनों में एक ही चमत्कार – सिर्फ एक यात्री बचा और वो बैठे थे सीट 11A पर.
 
तो क्या सीट 11A सिर्फ एक नंबर है, या कोई ऐसा रहस्य जिसे आज तक कोई सुलझा नहीं पाया? आइए जानते हैं इस रहस्यमयी कहानी के दो अध्याय.
 
पहला अध्याय: 1998 – थाईलैंड का भयावह हादसा और एक चमत्कारी बचाव

19 दिसंबर 1998, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से उड़ान भरने वाली थाई एयरवेज फ्लाइट TG261 अपने गंतव्य सूरत थानी पहुंचने ही वाली थी. विमान में 146 यात्री सवार थे, लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया. चारों तरफ सिर्फ मौत का मंजर था — 101 लोगों की जान चली गई.
 
 
लेकिन जब बचाव दल ने मलबे में झांका, तो चमत्कार सामने आया — थाईलैंड के लोकप्रिय सिंगर और एक्टर जेम्स लोयचुसाक जिंदा मिले. वो बैठे थे सीट नंबर 11A पर। हर तरफ लाशें थीं, लेकिन जेम्स ज़िंदा थे — न केवल ज़िंदा, बल्कि खुद चलकर बाहर निकले. तब भी लोगों ने इसे संयोग माना, लेकिन असली रहस्य तो अभी बाकी था.
 
दूसरा अध्याय: 2025 – भारत में दोहराया गया वही इतिहास

जनवरी 2025, एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी. टेकऑफ के महज 33 सेकंड बाद ही विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया. 241 यात्रियों की मौत हो गई, लेकिन इस मंजर में भी एक चमत्कार छिपा था — विश्वास कुमार रमेश, एकमात्र जीवित यात्री और वो भी बैठे थे उसी सीट पर — 11A.
 
 
विश्वास बताते हैं - 'एक तेज धमाका हुआ, फिर सब अंधेरा हो गया. होश आया तो चारों ओर जली हुई लाशें थीं. मैंने खुद को देखा और विश्वास नहीं हुआ — मैं ज़िंदा था.' यही नहीं, उनके बड़े भाई अजय कुमार रमेश, जो उसी फ्लाइट में किसी और सीट पर बैठे थे, इस हादसे में मारे गए.
 
रहस्य और भी गहराता है: जेम्स लोयचुसाक की प्रतिक्रिया

जब जेम्स लोयचुसाक को पता चला कि भारत के हादसे में भी सिर्फ सीट 11A वाला यात्री बचा है, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा –“Survivor of a plane crash in India. He sat in the same seat as me. 11A.”
 
 
27 साल बाद, वही सीट, वही चमत्कार...क्या ये मात्र संयोग हो सकता है?

दो देशों में दो विमान हादसे, सैकड़ों मौतें, और दोनों में एक ही सीट से बची दो जिंदगियां – 11A. यह किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी लगती कहानी अब एक रहस्य बन चुकी है.
 
विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल इत्तेफाक हो सकता है, लेकिन जो लोग इस चमत्कार का हिस्सा रहे हैं, उनके लिए यह महज ‘संयोग’ नहीं. क्या कोई शक्ति है जो कुछ खास लोगों को बचा लेती है? क्या 11A कोई गुप्त संकेत है? या फिर यह महज मानव कल्पना है जो अब एक पौराणिक रूप लेती जा रही है?
 
इस रहस्य ने अब दुनिया भर में एक बहस छेड़ दी है. अगर आपको अगली बार उड़ान में सीट 11A मिल जाए… तो क्या आप उसे खुशी-खुशी लेंगे, या डरकर बदलवा लेंगे? क्योंकि अब 11A सिर्फ एक सीट नहीं, किस्मत और चमत्कार की कुंजी बन चुकी है. क्या आप उसे छोड़ेंगे?