आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
हर वर्ष 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। यह दिन केवल फोटोग्राफी के शौक और कला का उत्सव नहीं है, बल्कि उन तस्वीरों को भी याद करने का अवसर है, जिन्होंने समय के एक क्षण को कैद करके पूरे युग की कहानी कह दी। कुछ तस्वीरें केवल दृश्य नहीं होतीं, वे मानवता की गवाही, इतिहास की सच्चाई और भावनाओं की गहराई को भी अमर बना देती हैं।
यहाँ हम आपके लिए लाए हैं ऐसी 10 विश्व प्रसिद्ध तस्वीरें, जिन्हें कालानुक्रमिक क्रम में प्रस्तुत किया गया है:
न्यूयॉर्क की गगनचुंबी इमारत पर स्टील बीम पर बैठे 11 मजदूरों की तस्वीर औद्योगिक युग की हिम्मत और मेहनतकश भावना का प्रतीक है।
जर्मन एयरशिप हिंदनबर्ग की भीषण दुर्घटना के समय खींची गई यह तस्वीर वायुयान इतिहास की सबसे भयावह त्रासदियों में से एक की गवाही है।
द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति पर न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में नाविक और नर्स का चुंबन आज भी शांति और राहत के जश्न का प्रतीक माना जाता है।
नागरिक अधिकार आंदोलन के दौरान डॉ. किंग की यह तस्वीर समानता और न्याय के संघर्ष की प्रेरणास्रोत बनी।
अपोलो 8 मिशन से ली गई तस्वीर, जिसमें चंद्रमा से उगती पृथ्वी दिखती है, मानवता को पहली बार अपनी धरती को बाहर से देखने का मौका देती है। यह पर्यावरण आंदोलन का भी आधार बनी।
वियतनाम युद्ध में नापाम बम से झुलसी 9 साल की बच्ची फान थी किम फुक की तस्वीर ने युद्ध की क्रूरता को पूरी दुनिया के सामने उजागर किया।
स्टीव मैककरी की खींची शरबात गुला की यह तस्वीर शरणार्थी जीवन और विस्थापन की पीड़ा का प्रतीक बनी। नेशनल ज्योग्राफिक के कवर पर छपते ही यह विश्वप्रसिद्ध हो गई।
बीजिंग में टैंकों के सामने खड़े अकेले व्यक्ति की तस्वीर आज भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रतिरोध की शक्ति का प्रतीक है।
27 साल बाद जेल से बाहर आते हुए मंडेला की तस्वीर रंगभेद के अंत और लोकतंत्र की जीत का ऐतिहासिक क्षण बनी।
9/11 आतंकी हमले के दौरान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से गिरते शख्स की तस्वीर आधुनिक समय की सबसे दर्दनाक त्रासदियों में से एक का जीवंत प्रतीक है।
(ये सभी तस्वीरें केवल जानकारी हेतु इस्तेमाल की गयीं हैं इनका इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्य से नहीं किया है)