क्या है कलर साइकोलॉजी: रंगों का हमारे मूड और जीवनशैली पर असर

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 26-07-2025
What is color psychology: the effect of colors on our mood and lifestyle
What is color psychology: the effect of colors on our mood and lifestyle

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 
 
क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों लाल रंग आपको ऊर्जा से भर देता है, या नीला रंग आपको शांत महसूस कराता है? यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि इसके पीछे है 'कलर साइकोलॉजी' – यानी रंगों की मनोविज्ञान पर असर डालने वाली शक्ति.
 
क्या है कलर साइकोलॉजी?

कलर साइकोलॉजी एक मनोवैज्ञानिक सिद्धांत है, जो बताता है कि रंग हमारे विचारों, भावनाओं और व्यवहार को किस तरह प्रभावित करते हैं. यह विज्ञान न केवल फैशन या इंटीरियर डिज़ाइन में काम आता है, बल्कि मार्केटिंग, ब्रांडिंग और यहां तक कि हेल्थकेयर में भी इसका गहरा प्रभाव देखा गया है.
 
हर रंग का है एक खास असर

🔴 लाल: ऊर्जा, उत्तेजना और जुनून का प्रतीक है. अक्सर रेस्टोरेंट्स या सेल्स प्रमोशन में इसका उपयोग किया जाता है ताकि ध्यान खींचा जा सके.
 
🔵 नीला: यह रंग शांति, भरोसे और स्थिरता का संकेत देता है. कॉर्पोरेट और हेल्थकेयर ब्रांड्स में इसका खूब इस्तेमाल होता है.
 
🟢 हरा: प्राकृतिकता और ताजगी का एहसास कराता है. यह रंग तनाव को कम करने में सहायक माना जाता है.
 
🟡 पीला: यह खुशी और ऊर्जा का प्रतीक है, लेकिन ज्यादा इस्तेमाल से चिड़चिड़ापन भी बढ़ सकता है.
 
⚫ काला: ताकत और रहस्य का प्रतीक, लेकिन अत्यधिक उपयोग से यह भारीपन भी दे सकता है.
 
जीवनशैली में कैसे करें रंगों का सही उपयोग?

अपने बेडरूम में शांत रंग जैसे नीला या हल्का बैंगनी चुनें ताकि नींद अच्छी आए.
 
कार्यक्षेत्र में हल्का हरा या नीला रंग तनाव कम कर सकता है.
 
फैशन में अपने मूड और अवसर के अनुसार रंगों का चुनाव करें – जैसे इंटरव्यू के लिए नीला, पार्टी के लिए लाल या गुलाबी.
 
विशेषज्ञों की राय

मनोविज्ञान विशेषज्ञ मानते हैं कि रंगों का हमारे अवचेतन मन पर सीधा असर होता है. इसलिए रंगों का समझदारी से चयन करना न केवल सौंदर्य की दृष्टि से बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है.
 
रंग सिर्फ देखने भर के लिए नहीं होते, वे हमारे जीवन की दिशा भी तय कर सकते हैं. तो अगली बार जब आप अपने कमरे की दीवारें रंगें, कोई कपड़ा खरीदें या अपनी वेबसाइट डिजाइन करें – रंगों की भाषा जरूर समझें!