मासिक धर्म के दौरान व्यायाम करने से क्या होता है? जानिए फायदे

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 27-06-2025
What happens when you exercise during menstruation? Know the benefits
What happens when you exercise during menstruation? Know the benefits

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

मासिक धर्म यानी पीरियड्स महिलाओं के शरीर में होने वाली एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, लेकिन इसके दौरान शरीर को कई शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन दिनों में पेट में ऐंठन, पीठ दर्द, पेट फूलना, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द और थकान जैसी समस्याएं आम हैं।

हालांकि, इन लक्षणों को कम करने के लिए आमतौर पर दवाइयों या हार्मोनल उपचार का सहारा लिया जाता है, लेकिन नियमित व्यायाम भी एक कारगर विकल्प बनकर उभरा है।


 पीरियड्स के दर्द से राहत

मासिक धर्म के दौरान होने वाली पेट और जांघों की ऐंठन एक आम समस्या है। अध्ययनों से पता चला है कि नियमित एक्सरसाइज़, खासकर एरोबिक और स्ट्रेचिंग व्यायाम, इस दर्द को कम करने में मददगार होते हैं। यह प्राइमरी डिसमेनोरिया यानी सामान्य पीरियड पेन को भी कम कर सकते हैं।


 मूड बेहतर बनाता है

अमेरिकन कॉलेज ऑफ़ ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) के मुताबिक, व्यायाम तनाव को घटाकर मूड को संतुलित करता है। सऊदी अरब में 2024 में किए गए एक शोध के अनुसार, सप्ताह में तीन बार 20–30 मिनट का व्यायाम न केवल दर्द को कम करता है, बल्कि मानसिक तनाव में भी राहत देता है।


 सूजन और पेट फूलना कम होता है

पीरियड्स के दौरान पेट फूलना यानी ब्लोटिंग भी आम लक्षण है। लेकिन डांस, साइक्लिंग जैसे एरोबिक व्यायाम रक्त संचार को बढ़ाकर और हार्मोन एल्डोस्टेरोन को नियंत्रित कर सूजन को घटाते हैं। इससे आपको हल्कापन महसूस होता है।


 नींद की गुणवत्ता में सुधार

मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण नींद में खलल पड़ सकता है। लेकिन नियमित व्यायाम, खासकर शाम के समय हल्के वर्कआउट, जैसे योग या स्ट्रेचिंग, नींद को बेहतर बनाते हैं और शरीर को आराम देते हैं।


 ऊर्जा में बढ़ोतरी

पीरियड्स के समय ऊर्जा स्तर गिरना स्वाभाविक है, पर इसका मतलब यह नहीं कि आपको बिस्तर से चिपक जाना चाहिए। हल्के वर्कआउट से मूड लिफ्ट होता है, एंडोर्फिन रिलीज होते हैं और दिनभर ताजगी बनी रहती है।

मासिक धर्म के दौरान व्यायाम करना न केवल शारीरिक राहत देता है, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता है। यह थकावट, दर्द, तनाव, सूजन और अनिद्रा जैसी परेशानियों से राहत दिलाने में मदद करता है। इसलिए अगली बार जब पीरियड्स आएं, तो अपनी दिनचर्या में थोड़ा हल्का-फुल्का व्यायाम जरूर शामिल करें—आपका शरीर और मन दोनों आपका धन्यवाद करेंगे।