नई दिल्ली
रोज़ाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलना दिल की सेहत के लिए किसी मजबूत दवा से कम नहीं है। यह आसान-सी आदत न सिर्फ शरीर में कई सकारात्मक बदलाव लाती है, बल्कि मनोदशा सुधरती है, तनाव हार्मोन कम होते हैं और रक्त शर्करा स्तर भी नियंत्रित रहता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि पैदल चलने की नियमित आदत हृदय रोग के खतरे को कम करने में बड़ी भूमिका निभाती है और यह हृदय गति से जुड़े कई विकारों से बचाव कर सकती है।
हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। अमेरिका के सीडीसी के मुताबिक, वहां हर पाँच में से एक मौत हृदय रोग की वजह से होती है। हालांकि कई जोखिम कारक ऐसे हैं जिन्हें बदला नहीं जा सकता, लेकिन लोग अक्सर इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि नियमित शारीरिक गतिविधि—खासतौर पर पैदल चलना—हृदय रोग के खतरे को काफी हद तक कम कर सकती है।
पैदल चलना एक बेहद आसान व्यायाम है, जो हर उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है। नियमित रूप से चलना शरीर और मन दोनों में सकारात्मक बदलाव लाता है—थकान की जगह ऊर्जा, बेचैनी की जगह शांति और तनाव की जगह संतुलन।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक अध्ययन के अनुसार, मध्यम और तेज गति से पैदल चलना रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में हृदय रोग से मृत्यु के जोखिम को कम करता है।
इसी तरह जर्नल ऑफ हार्ट में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि तेज़ चाल से चलना और लगातार इस गति को बनाए रखना एट्रियल फिब्रिलेशन, टैकीकार्डिया और ब्रैडीकार्डिया जैसी हृदय गति संबंधी असामान्यताओं का खतरा कम कर सकता है।
पैदल चलना शरीर, मस्तिष्क और मानसिक स्वास्थ्य तीनों के लिए दवा जैसा है।
1 मिनट: रक्त प्रवाह बढ़ जाता है।
5 मिनट: मूड बेहतर होता है, चिंता कम होने लगती है।
10 मिनट: तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल में गिरावट शुरू होती है।
15 मिनट: ब्लड शुगर स्थिर होने लगता है।
30 मिनट: शरीर चर्बी जलाने की अवस्था में आ जाता है।
रोज़ाना पैदल चलना ओवरथिंकिंग को कम करता है, डोपामाइन बढ़ाता है और मानसिक ऊर्जा में सुधार करता है।
टेक्सास विश्वविद्यालय, अर्लिंग्टन के एक अध्ययन के अनुसार, 30 मिनट बैठने के बाद की हल्की वॉक भी मानसिक स्पष्टता और ऊर्जा में उल्लेखनीय सुधार करती है।
याद रखें—हृदय को स्वस्थ रखने के लिए महंगे जिम या सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं है। बस रोज़ का 30 मिनट का पैदल सफर आपके दिल की उम्र बढ़ा सकता है।