Kolhapuri Sandals for Festivals: Desi style, foreign brands and slippers worth Rs 70 thousand
अर्सला खान/नई दिल्ली
फैशन की दुनिया में अक्सर कहा जाता है कि जो बीत चुका है, वही नए अंदाज़ में लौट आता है. कभी बॉलीवुड के सितारे किसी आउटफिट को ट्रेंड बना देते हैं तो कभी विदेशी ब्रांड्स भारतीय देसी स्टाइल को अपने लेबल के साथ हाई-फाई बना देते हैं. हाल ही में ऐसा ही कुछ देखने को मिला, जब इटैलियन लक्ज़री फैशन ब्रांड प्राडा (Prada) ने अपने रैम्प शो में ओपन-टो लेदर सैंडल्स पेश किए. इन सैंडल्स की सबसे बड़ी चर्चा उनकी कीमत को लेकर हुई, क्योंकि इनकी कीमत रखी गई थी पूरे 70 हज़ार रुपये.
जैसे ही इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं, भारत में लोगों ने तुरंत पहचान लिया कि ये सैंडल्स किसी और की नहीं बल्कि हमारी पारंपरिक कोल्हापुरी चप्पल का ही विदेशी वर्ज़न हैं. नेटिज़न्स ने मज़ाकिया अंदाज़ में लिखा कि “ये तो वही कोल्हापुरी है, जो हमें महाराष्ट्र और बाकी राज्यों की लोकल मार्केट में 500 से 1000 रुपये में मिल जाती है.
कोल्हापुरी चप्पल भारत के महाराष्ट्र की पारंपरिक पहचान है, जिसे हाथों से लेदर पर कारीगरी कर बनाया जाता है. त्योहारों से लेकर शादियों तक, कोल्हापुरी न सिर्फ़ फैशन स्टेटमेंट बन चुकी है बल्कि इसे पहनना आरामदायक भी होता है. दिलचस्प बात यह है कि जिस डिज़ाइन को लोग गाँव-गाँव में रोज़ाना पहनते हैं, वही जब किसी बड़े इंटरनेशनल ब्रांड की रैम्प पर आता है तो उसे ‘लक्ज़री’ टैग दे दिया जाता है.
फेस्टिव सीज़न के नज़दीक आते ही कोल्हापुरी चप्पल फिर से चर्चा में है। स्टाइल एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंडियन एथनिक आउटफिट्स, जैसे कुर्ता-पायजामा, साड़ी या फिर इंडो-वेस्टर्न ड्रेस के साथ कोल्हापुरी एकदम परफेक्ट लुक देती है। वहीं, बॉलीवुड सितारे भी कई बार एयरपोर्ट या कैज़ुअल आउटिंग्स पर इन्हें पहने दिखाई देते हैं.
आज जब विदेशी ब्रांड्स इसकी कॉपी को 70 हज़ार रुपये में बेचने की कोशिश कर रहे हैं, तो इंडियन फैशन लवर्स को यह याद दिलाने का सही मौका है कि देसी फैशन कभी आउटडेटेड नहीं होता. कोल्हापुरी सिर्फ़ एक फुटवियर नहीं बल्कि भारतीय कारीगरी, परंपरा और स्टाइल का ऐसा संगम है, जो हर मौसम और हर मौके पर फिट बैठता है.