नई दिल्ली
चालीस वर्ष की उम्र जीवन के एक नए और निर्णायक पड़ाव का संकेत देती है। विशेषज्ञों के अनुसार, स्मृतिभ्रंश या याददाश्त कमजोर होने के लक्षण भले ही वृद्धावस्था में दिखते हों, लेकिन इसकी शुरुआत अक्सर मध्य आयु से ही हो जाती है। अच्छी खबर यह है कि 40 के बाद जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव अपनाकर मस्तिष्क को लंबे समय तक सक्रिय, स्वस्थ और तेज रखा जा सकता है। नीचे दिए गए 10 नियम याददाश्त को संजोए रखने में मददगार साबित होते हैं:
1. नियमित व्यायाम अपनाएँ
तेज़ चाल से चलना, दौड़ना या तैराकी जैसे एरोबिक व्यायाम मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़ाते हैं। रोज़ कम से कम 30 मिनट की गतिविधि स्मृति से जुड़े हिस्सों को सक्रिय रखती है।
2. संतुलित और मस्तिष्क-हितैषी आहार लें
हरी सब्ज़ियाँ, जामुन, मेवे, ओमेगा-3 से भरपूर मछली और जैतून का तेल शामिल करें। अधिक चीनी, नमक और प्रोसेस्ड फूड से दूरी रखें—ये सूजन बढ़ाते हैं।
3. कुछ नया सीखते रहें
नई भाषा, वाद्य यंत्र या रचनात्मक शौक (जैसे चित्रकारी) अपनाएँ। इससे न्यूरॉन्स के बीच संबंध मज़बूत होते हैं और ‘संज्ञानात्मक भंडार’ बनता है।
4. पर्याप्त और गहरी नींद लें
रोज़ 7–8 घंटे की निर्बाध नींद मस्तिष्क से हानिकारक प्रोटीन हटाने में मदद करती है, जो स्मृति पर असर डालते हैं।
5. सामाजिक संपर्क बनाए रखें
दोस्तों-रिश्तेदारों से नियमित बातचीत, समूह गतिविधियाँ और सामाजिक मेलजोल अवसाद कम करते हैं और दिमाग को सक्रिय रखते हैं।
6. रक्तचाप और शुगर नियंत्रित रखें
हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह मस्तिष्क की सूक्ष्म रक्त नलिकाओं को नुकसान पहुँचा सकते हैं। नियमित जांच ज़रूरी है।
7. सुनने की क्षमता का ध्यान रखें
सुनने में कमी मस्तिष्क की कार्यक्षमता घटा सकती है। परेशानी हो तो विशेषज्ञ से सलाह लें।
8. तनाव कम करें
लगातार तनाव मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान पहुँचा सकता है। ध्यान, योग और श्वास अभ्यास अपनाएँ।
9. धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचें
ये आदतें तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुँचाती हैं—इन्हें छोड़ना मस्तिष्क के लिए फायदेमंद है।
10. दिमागी खेल खेलें
सुडोकू, शतरंज, क्रॉसवर्ड जैसे खेल स्मृति और निर्णय क्षमता को मज़बूत बनाते हैं।
निष्कर्ष:
स्मृतिभ्रंश कोई अनिवार्य नियति नहीं, बल्कि अक्सर जीवनशैली का परिणाम होता है। 40 के बाद आज अपनाई गई छोटी-छोटी स्वस्थ आदतें कल के तेज़, स्पष्ट और सक्रिय मस्तिष्क की कुंजी बन सकती हैं।