इंडोनेशियाः मस्जिदों में लाउडस्पीकरों की आवाज कम की गई

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 20-10-2021
इंडोनेशियाः हजारों मस्जिदों में लाउडस्पीकरों की आवाज कम की गई
इंडोनेशियाः हजारों मस्जिदों में लाउडस्पीकरों की आवाज कम की गई

 

जकार्ताः सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में लाउडस्पीकर के जरिए नमाज अदा करने की आवाज कम कर दी गई है. इंडोनेशियाई मस्जिद परिषद ने ध्वनि प्रदूषण से परेशान लोगों को राहत देने के लिए यह कदम उठाया है.

परिषद के अध्यक्ष युसूफ काला ने कहा कि देश में 75लाख से अधिक मस्जिदों का साउंड सिस्टम ठीक नहीं है. आवाज की आवाज तेज होती है, ऐसे में परिषद ने 7,000तकनीशियनों को काम पर रखा है और देश भर की लगभग 70,000मस्जिदों में लाउडस्पीकर की मात्रा कम की है.

यूसफ का कहना है कि एक समिति का गठन किया गया है. परिषद के समन्वयक अजीज का कहना है कि जोर से प्रार्थना करना एक इस्लामी परंपरा है, ताकि आवाज दूर-दूर तक पहुंच सके.

जकार्ता की अल-अकवान मस्जिद के अध्यक्ष अहमद तौफीक ने कहा, ‘लाउडस्पीकर की आवाज की मात्रा कम करना पूरी तरह से स्वैच्छिक है. हम सामाजिक सद्भाव बनाए रखना चाहते हैं.’ वहीं हिदायतुल्ला यूनिवर्सिटी के अली ने कहा कि कई लोग लाउडस्पीकर की तेज आवाज को धार्मिक जरूरत मानते हैं.

मस्जिद परिषद की पहल के बाद अब हजारों मस्जिदों के लाउडस्पीकरों की आवाज कम हो गई है. आस-पास रहने वाले लोगों को भी कोई शिकायत नहीं है.

आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से लाउडस्पीकर की आवाज से प्रार्थना करने के खिलाफ देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

ऑनलाइन शिकायतों की संख्या भी बढ़ी है. लोगों ने कहा कि लाउडस्पीकर की तेज आवाज उनके मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है. अवसाद, चिड़चिड़ापन और अनिद्रा की समस्या होती है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कई लोगों ने विरोध दर्ज कराने से परहेज किया.

देश में ईशनिंदा कानून में कड़ी सजा का प्रावधान है. इससे पहले चार बच्चों की मां को जोर-जोर से नमाज अदा करने का विरोध करने पर डेढ़ साल जेल की सजा सुनाई गई थी.

जकार्ता में कुछ लोगों ने प्रार्थना की पुकार की आवाज की शिकायत की, तो हजारों लोगों ने उनके अपार्टमेंट को घेर लिया. उन्हें हटाने के लिए सेना बुलानी पड़ी. उधर जर्मनी में भी लाउडस्पीकर के जरिए नमाज अदा करने की तेज आवाज के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

देश के सबसे बड़े शहरों में से एक कोलोन के मेयर ने पिछले शुक्रवार को एक मस्जिद में लाउडस्पीकर से नमाज पढ़ने को मंजूरी दी. उनके इस कदम की देश की दक्षिणपंथी एएफडी पार्टी ने तीखी आलोचना की है.

पार्टी के उप प्रवक्ता मथियास बुशगस ने कहा कि जर्मनी का इस्लामीकरण करने के प्रयास किए जा रहे हैं. यह कदम हमारे देश के ईसाई नहीं, बल्कि इस्लामी होने की तस्वीर पेश करता है.

हम आपको बता दें कि कोलोन में 12 लाख मुसलमान हैं, जो शहर की कुल आबादी का 12 फीसदी है.