यूनुस अलवी / नूंह ( हरियाणा )
देश की राजधानी दिल्ली से करीब पचास किलोमीटर दूर हरियाणा के सबसे पिछड़े जिला नूंह का एक गांव है खेड़ला. यहां के 73 वर्षीय किसान हरियाणा के बाकी किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं. इस उम्र में भी न केवल आधुनिक खेती करते हैं, नए-नए प्रयोग कर सबको चौंकाते रहते हैं.
मेवात में भारी जल संकट है. भूजल स्रोत खारा है, इसलिए हरियाणा के इस इलाके में उन फसलों की पैदावार नहीं हो सकती, जो आम तौर से हर जगह होती है. ऐसे में आम मेवाती बेहतर खेती करने से कतराता है. इसके विपरीत हाजी अली मोहम्मद अपने प्रयास से जिले में आधुनिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं.
हाल में उन्होंने अपने फार्म पर अमेरिका व न्यूजीलैंड की किस्म के टमाटर पैदा कर सबको हैरान कर दिया. वह कहते हैं,‘‘ मैं चाहता हूं कि मेवात के लोग भी वह तमाम सब्जियां खा सकें, जो दूसरे इलाके के लोग खाते हैं.’’
वह बताते हैं, ‘‘ अमेरिका की 2853 किस्म के टमाटर के एक पौधे से 30 किलो पैदावार मिलता है. एक एकड़ में यह एक हजार कैरेट पैदावार दे सकती है. अब उन्होंने अपनी जमीन पर न्यूजीलैंड में उगाए जाने वाला टमाटर व नीदरलैंड में उगाई जाने वाली 26 दानों की मटर की बुवाई की है.
इसकी फल आने भी लगी है. वह बताते हैं, ‘‘पैदावार आते ही जिले की मंडियों में विदेशी किस्म के टमाटर व मटर उपलब्ध करा दिए जाएंगे.’’ उनके दावे के अनुसार, मटर की इस किस्म में कैल्शियम की मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है.
बता दें कि अपनी इन उपलब्धियों के कारण हाजी अली मोहम्मद ने प्रदेश व राष्ट्र के कृषि जगत में खास पहचान बनाई है. इसके लिए वह कई बार सम्मानित भी किए जा चुके हैं. उन्हें बचपन से खेती में दिलचस्पी है. नए-नए प्रयोग करने में उन्हें बड़ा मजा आता है.
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया सम्मानित
स्थिति यह है कि उनकी उपलब्धियों के कारण प्रदेश व राष्ट्र के कृषि अधिकारी उन्हें बहुत अच्छी तरह से जानते-पहचानते हैं. सितंबर 2013 में अंरडी की खेती के लिए गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें 51 हजार रुपये नकद और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था.
हरियाणा के तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी गेहूं की अठारह किस्म लगाने पर 51 हजार का चेक देकर सम्मानित कर चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बंसी लाल व हिसार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें कई बार सम्मानित किया गया है.
हरियाणा के तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी कर चुके सम्मानित कर
नए प्रयोगों से बनाई पहचान
हाजी अली मोहम्मद खेती को बढ़ावा देने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं. हमेशा नए-नए प्रयोग करते रहते हैं. इसके लिए लेजर लेवलिंग, बेड प्लांटर, कंटूर फार्मिंग व ड्रिपंग इरिगेशन जैसी तकनीक का उपयोग करते हैं. वह दूसरे किसानों को भी इसे अपनाने को प्रेरित करते हैं. हाजी की प्रेरणा से अभी तक दर्जनों किसान अपनी खेती को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक खेती अपना चुके हैं.
पैदावार में करते हैं बदलाव
18 एकड़ के जमीदार अली मोहम्मद सभी प्रकार के फल, सब्जी, दाल व गन्ना उगाते हैं. फलस्वरूप उनकी पहचान जिले के नंबर वन किसान में होती है. दिलचस्प बात यह है कि 73वर्ष की उम्र में भी उनका जोश देखते बनता है. वह जिले के इकलौते शख्स हैं जो बुढ़ापा पेंशन नहीं लेते. कहते हैं कि मेरी जगह किसी जरूरतमंद को यह राशि मिलनी चाहिए. अल्लाह ने उन्हें बहुत कुछ दिया है.
कड़ी मेहनत का असर स्वास्थ्य पर
उनका स्वास्थ्य इस उम्र में भी मिसाल है. अली मोहम्मद का कहना है कि खेती में कड़ी मेहनत करने और हमेशा अच्छा सोचने से लगभग 32वर्षों से वो बीमार नहीं पड़े हैं. खेती के सभी कार्य निराई, गुढ़ाई व सिंचाई स्वयं करते हैं. काम करने में वह कभी कोताही नहीं करते.
सामने आ रही समस्याएं
अली मोहम्मद का कहना है कि जिले में किसानों के लिए उचित मार्केट की व्यवस्था नहीं है. अरंडी बैचने के लिए उन्हें राजस्थान की मंडी जाना पड़ता है. वहीं किसानों को उचित रेट नहीं मिलती. बिजली की आपूर्ति समय पर नहीं होने से किसानों को खेती में परेशानी आ रही है.
किसान व कृषि विभाग के लिए उदाहरण बने हाजी अली मोहम्मद के फार्म पर कृषि विभाग के राष्ट्रीय स्तर के अधिकारी हमेशा आते रहते हैं. वे यह समझने की कोशिश करते हैं कि हाजी साहब खेती में तकनीक का उपयोग कैसे करते हैं. उनका कहना है कि नई किस्म की पैदावार उगाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करते हैं.