नई दिल्ली।
अक्सर हम सोचते हैं कि खाना खाने के बाद हमारी जिम्मेदारी खत्म हो जाती है और अब शरीर खुद ही पाचन का काम संभाल लेगा। लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। अच्छा पाचन सिर्फ भोजन की गुणवत्ता पर नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली और खासकर बैठने के तरीके पर भी निर्भर करता है।
हमारा शरीर जितना सक्रिय रहेगा, पाचन प्रक्रिया उतनी ही बेहतर होगी। लेकिन अगर हम गलत मुद्रा में बैठते हैं — जैसे आगे झुककर या एक ओर झुककर — तो पेट पर दबाव बढ़ता है। इससे न केवल पाचन प्रक्रिया बाधित होती है, बल्कि आंतों और अन्य अंगों की कार्यप्रणाली भी प्रभावित हो सकती है।
गलत बैठने से हो सकती हैं ये समस्याएँ:
1. एसिड रिफ्लक्स (अम्लता की समस्या)
यदि आप खाने के बाद झुक कर बैठते हैं या लेट जाते हैं, तो पेट का एसिड ग्रासनली (फूड पाइप) की ओर लौट सकता है। इससे एसिड रिफ्लक्स या सीने में जलन की समस्या और भी बढ़ सकती है, खासकर अगर पहले से ही ये दिक्कत हो।
2. पेट फूलना और गैस
गलत मुद्रा में बैठने से पेट को फैलने और पाचन के लिए जगह नहीं मिलती। इससे गैस बनने और पेट फूलने की समस्या हो सकती है।
3. कब्ज
शौच करते समय यदि मुद्रा सही न हो, तो पेल्विक फ्लोर पर तनाव पड़ता है और आंतों से मल को बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है। सही मुद्रा — जैसे सीधा बैठना या उकड़ू बैठना — बृहदान्त्र को संरेखित करने में मदद करता है और मल त्याग आसान बनाता है।
4. धीमा मेटाबोलिज्म (चयापचय)
झुकी हुई मुद्रा से रक्त संचार और ऑक्सीजन की आपूर्ति घटती है, जो चयापचय के लिए जरूरी हैं। इससे शरीर की कैलोरी जलाने की क्षमता कम हो सकती है, जो वजन घटाने की प्रक्रिया में रुकावट बनती है।
बेहतर पाचन के लिए अपनाएँ ये आसान उपाय:
भोजन करते समय सीधे बैठें:
अपने कंधों को ढीला छोड़ें और पीठ को सीधा रखें ताकि पेट को पर्याप्त जगह मिल सके।
खाने के तुरंत बाद न लेटें:
खाने के बाद थोड़ी देर टहलें या सीधे बैठें। लेटने से पाचन धीमा हो सकता है।
गहरी सांस लें:
गहरी सांसें लेने से डायाफ्राम को सही ढंग से काम करने में मदद मिलती है और पेट पर दबाव कम होता है।
ऑफिस या घर में सही बैठने की व्यवस्था करें:
ऐसी कुर्सी और डेस्क चुनें जो रीढ़ को सीधा रखने में मदद करें और पेट पर दबाव न बनाएं।
शौचालय में सही मुद्रा अपनाएँ:
अगर आप वेस्टर्न टॉयलेट (कमोड) का इस्तेमाल करते हैं, तो अपने पैरों के नीचे एक छोटा स्टूल रखें ताकि उकड़ू मुद्रा जैसी स्थिति बन सके। यह आंतों को पूरी तरह साफ करने में मदद करता है।
पाचन केवल इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आपने क्या खाया, बल्कि इस पर भी निर्भर करता है कि आप कैसे बैठे हैं, कैसे चल रहे हैं, और खाने के बाद क्या कर रहे हैं। छोटे-छोटे बदलाव आपके पाचन स्वास्थ्य को बड़ा लाभ दे सकते हैं।