तस्वीरों में कश्मीर का करवट लेता मौसम : अक्टूबर में बर्फबारी, तापमान 16 डिग्री नीचे

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 07-10-2025
Weather changes: Snowfall in October, temperature drops to 16 degrees
Weather changes: Snowfall in October, temperature drops to 16 degrees

 

श्रीनगर से तस्वीरें और रिपोर्ट बासित जरगर

उत्तरी व सीमावर्ती क्षेत्रों में इस सीज़न की पहली बर्फबारी ने अक्टूबर को सर्दियों जैसा माहौल दे दिया है.  जम्मू-कश्मीर की ऊँची चोटियों पर बर्फ की सफ़ेदी छा गई, जबकि मैदानों में लगातार बारिश ने ठंड का असर पूरे क्षेत्र में गहरा दिया.
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मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि कुपवाड़ा और भदेरवाह में तापमान सामान्य से लगभग 16.0 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया, जिससे माहौल पूर्णतः जनवरी जैसा हो गया. जम्मू-कश्मीर की वादियों में अधिकतर स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से काफी नीचे दर्ज हुआ. श्रीनगर में अधिकतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस रह गया, जो कि सामान्य स्तर से 13.0 डिग्री कम था.
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गुर्ज़ क्षेत्र के निवासी अब्दुल रहीम लोन ने बताया कि “पहाड़ों की चोटियाँ बर्फ से ढक गई हैं. घाटी में बारिश हो रही है. ठंड बहुत तेज है. हर कोई भारी ऊनी कपड़ों में लिपटा है.” उन्होंने यह भी कहा कि “यहाँ तक कि बुकहरियाँ (लकड़ी की चूल्हियाँ) जलाने पड़ी हैं, और परिवार उनके आसपास इकठ्ठा हो रहे हैं.”
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दुर्लभ और नदी-मोहनल इकाइयों को जोड़ने वाली रज़दान टॉप, जो लगभग 12,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है, वहाँ 2–3 इंच तक बर्फबारी हुई। अधिकारियों ने बताया कि इस बर्फबारी के कारण बांदीपोरा–गुर्ज़ मार्ग पर यातायात को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा.
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एक स्थानीय एसडीएम ने कहा, “हम स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहे हैं. यदि मौसम अनुमति दे, तो हल्की मोटर गाड़ियों को मार्ग पर जाने की छूट दी जाएगी.” लेकिन भारी बर्फबारी के दौरान यह मार्ग महीनों तक बंद रह जाता है, जिससे घाटी का एकमात्र सड़कीय संपर्क कट जाता है.
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बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) नियमित तौर पर स्नो-क्लियरेन्स के लिए भारी मशीनरी का सहारा लेती है. मगर झड़ीदार हवाएँ और फिसलन भरी ढलानें इन अभियानों को और चुनौतीपूर्ण बना देती हैं.

इस तरह की जल्दी आई बर्फबारी ने घाटी में रूपक सौंदर्य और जीवन अस्त-व्यस्त दोनों ला दिए हैं. प्रशासन द्वारा अक्टूबर के महीने तक ज़रूरी सामग्री जैसे खाद्य अनाज, ईंधन और दवाइयां जमा रखी जाती हैं ताकि एक लंबी शीतकालीन अवधि में घाटी निर्बाध संचालित हो सके.

गुर्ज़ में लोन ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों से मौसम क्रूर बन गया है. कभी-कभी पूरी सर्दी सूखी चलती है और कभी इतनी भारी बर्फबारी हो जाती है कि बाहर निकलना लगभग असंभव हो जाता है.”
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कुपवाड़ा में अधिकतम तापमान 10.8°C दर्ज किया गया, जो लगभग 16.0°C नीचे था. काज़ीगुंड में 13.5°C (10.6°C नीचे), पाहलगाम में 9.2°C (13.2°C नीचे) और कोकेरनाग में 12.1°C (11.7°C नीचे) तापमान रहा. गुलमर्ग, अपनी स्की-रिसॉर्ट पहचान के साथ, बेहद ठंडा रहा. अधिकतम तापमान केवल 4.4°C, जो सामान्य से 12.1°C नीचे था।

जम्मू क्षेत्र में बनीहाल में 11.2°C (15.3°C नीचे) और जम्मू शहर में 21.3°C (11.1°C नीचे) का रिकार्ड पाया गया. वहीं भदेरवाह में तापमान 10.0°C (16.1°C नीचे), बाटोते में 12.6°C (12.5°C नीचे) और कटरा में 18.0°C (11.1°C नीचे) रहा.
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खबरों के अनुसार, पिर की गली, रज़दान टॉप, सदना पास, सिंथान टॉप, डाक्सम, कोन्गडोरी, गुलमर्ग, मिनीमार्ग सहित क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी ताज़ा बर्फबारी दर्ज हुई. मैदानों सहित श्रीनगर समेत व्यापक इलाकों में भी बारिश हुई.

मौसम विभाग (MeT) ने पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा कि अगले दिन यानी मंगलवार  तक हल्की से मध्यम बारिश (ऊँचे इलाकों में हल्की बर्फ) की संभावना है. इसके बाद 9 से 16 अक्टूबर तक मौसम सामान्य रूप से शुष्क रहने का अनुमान लगाया गया है.
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सरकार ने किसानों को 6 और 7 अक्टूबर को खेती-किसानी गतिविधियाँ रोकने की सलाह दी है.“संभव है कि किनारों पर भूस्खलन, पत्थर गिरे, ख़ासकर घाटी, चेनाब और पिर पंजाल मार्गों पर हल्की–मध्यम बर्फबारी हो सकती है। कुछ ऊँचे इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी की भी संभावना बनती है.”
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इस तरह, इस सीज़न की पहली बर्फबारी ने अक्टूबर माह को ऐसा दृश्य देते हुए दक्षिणी भारत वालों को चौंका दिया. प्रकृति ने एकाएक जैविक रूप से बदलते मौसम पर अपनी पकड़ दिखा दी है. घाटियाँ अब ठिठुरनें लगी हैं. चाल धीमी हो गई है. जीवन ने अपना कदम पीछे खींच लिया है. जैसे कि सर्दियों का आगमन अभी से ही दस्तक दे गया हो.