बिहारः शराबबंदी की हिमायत में सड़कों पर उतरे मुसलमान

Story by  सेराज अनवर | Published by  [email protected] | Date 28-11-2021
मदरसा के छात्र शराबबंदी के खिलाफ जुलूस निकालते हुए
मदरसा के छात्र शराबबंदी के खिलाफ जुलूस निकालते हुए

 

सेराज अनवर / पटना

बिहार में नीतीश कुमार शराबबंदी पर अकेले पड़ते दिख रहे हैं. विपक्ष ही नहीं, सरकार में जदयू के सहयोगी दल भाजपा भी मुख्यमंत्री को निशाना बना रहा है.शराबबंदी खत्म करने की मांग उठ रही है. राज्य के बेतिया, मोतिहारी, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और समस्तीपुर में इसी महीने जहरीली शराब से 40 से अधिक लोगों की मौत मुद्दा बना हुआ है. ऐसे में मुस्लिम समाज ही है, जो नीतीश के साथ मजबूती से खड़ा है. इस्लाम में शराब हराम है और मुसलमान शराबबंदी के फैसले से खुश हैं. शुक्रवार को मद्य निषेध दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिहार भर के अधिकारियों और कर्मचारियों को शराबबंदी की शपथ दिलाई, तो मुस्लिम संस्थान के छात्र-छात्रायें, अफसर, कर्मचारी भी समर्थन में सड़क पर उतरे. सामाजिक सरोकार से जुड़े मसला पर मुसलमानों के इस कदम की सराहना हो रही है.

अलहिरा स्कूल की पहल

पटना के शरीफ कालोनी स्थित शरई शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध अलहिरा पब्लिक स्कूल की छात्र-छात्राओं ने सड़क पर उतर शराबबंदी कानून की हिमायत की. इस मौके पर नौनिहालों ने अपने हाथों में प्लेकार्ड के साथ समाज को यह संदेश दिया कि शराब तमाम बुराईयों की जड़ है. इस्लाम ने साढ़े चौदह सौ साल पहले शराब को हराम करार दिया. शराब पीना बंद होने से समाज की बहुत सारी बुराईयां खुद ब खुुद खत्म हो जाती हैं.

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मुहिम में शामिल हुआ अलहिरा पब्लिक स्कूल

स्कूल के निदेशक मोहम्मद अनवर ने बच्चों से अपने पारिवारिक सदस्य को नशीली चीजों के इस्तेमाल से रोकने का शपथ भी दिलाई.बच्चों ने कहा कि शराब के अलावा हमें गुटखा, खैनी, सिगरेट आदि से भी बचना चाहिये. ये चीजें भी सेहत पर बुरा असर डालती हैं. बच्चों ने संकल्प लिया कि यदि हमारे घरों में कोई नशीली चीजों का इस्तेमाल करेगा, तो हम उन्हें रोकेंगे.

मोहम्मद अनवर ने आवाज-द वॉयस से कहा, ‘हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी के फैसला की पुरजोर हिमायत करते हैं. साथ ही यह भी मांग करते हैं कि इस कानून को जमीनी सतह पर लागु किया जाये और पूरे भारत में शराबबंदी हो.’

मदरसा शिक्षा बोर्ड भी मुहिम में शामिल

शराबबंदी मुहिम की सफलता में मदरसा बोर्ड की भूमिका भी सराहनीय है. बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड की तरफ से शराबबंदी जागरुकता अभियान रथ पूरे बिहार में घूम रहा है. इस रथ को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान और बोर्ड के चेयरमैन अब्दुल कयूम अंसारी ने हरि झंडी दिखा कर रवाना किया.

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बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड भी जारूरूकता फैला रहा है

इसके अलावा बोर्ड ने शराबबंदी मुहिम को कामयाब बनाने के लिए पश्चिम चंपारन स्थित डॉ. रहमान मॉडल अकादमी में मदरसा शिक्षकों के साथ बैठक भी की, जिसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो फैसला लिया गया है वह ऐन फितरत के मुताबिक है. शराब और नशा की हर चीज से अल्लाह के बन्दों को दूर रहने के फायदे आवाम के मनमस्तिष्क में बैठा दिया जाये, तो यह बिल्कुल आसान है, क्योंकि आपका ताल्लुक मदरसा के छात्रों से है और आप मस्जिदों के खतीब में से है. खुतबों के जरिया उलेमा इस मुहिम को तेज कर देंगे, तो बिहार नशा से पाक हो जायेगा. बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के चेयरमैन अब्दुल कयूम अंसारी ने की.इस मौके पर मौलाना नेसार अहमद, मौलाना महबूब आलम, मौलाना मोहम्मद इब्राहिम कासमी, मौलाना फैयाज ने भी रियासत बिहार को नशा जैसी लानत से पाक करने का संकल्प लिया.

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इस आंदोलन में बच्चियां भी साथ हैं

इधर पटना में उर्दू निदेशालय के कर्मचारियों ने भी नशामुक्ति की हिमायत में हलफ लिया.

गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व शराबबंदी के समर्थन में बना मानव शृंखला में सभी मुस्लिम इदारों के मजहबी पेशवा ने भी शिरकत की थी. मुसलमान शुरू से शराबबंदी की हिमायत में हैं.

शराबबंदी पर नीतीश सख्त

पटना के ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में नशा मुक्ति दिवस पर बिहार के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को आजीवन शराब न पीने की शपथ दिलाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को हिदायत दी कि जांच करें कि अधिकारियों और कर्मचारियों ने ठीक से शपथ ली है या नहीं.उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए जो भी करना पड़े, वो करेंगे. 5 साल पहले जब शराबबंदी कानून लागू हुआ था, तब भी ऐसी ही शपथ दिलवाई गई थी. शराबबंदी पर सरकार अब तक कुल 9 समीक्षा बैठकें कर चुकी है.

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शराबबंदी के खिलाफ रैली निकालते हुए छात्र

 
शराबबंदी को लेकर गाहेबगाहे सवाल उठते रहे हैं. जहरीली शराब से मौतों का मामला हो या फिर शराब पीकर सड़क पर हंगामा. हर बार एक ही सवाल पूछा जाता है कि बिहार में शराबबंदी है, तो लोगों को शराब मिलती कहां से है. लेकिन अब बिहार के मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा है कि प्रदेश में शराबबंदी को लेकर कोई भी समझौता नहीं होगा. मुसलमानों के पूर्ण समर्थन से उन्हें बल मिल रहा है.