नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केरल के पलक्कड़ जिले में वर्ष 2022 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता श्रीनिवासन की हत्या के एक आरोपी अब्दुल सत्तार को जमानत दे दी.
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने साफ कहा कि मामले में आरोपी की हत्या में कोई प्रत्यक्ष भूमिका सामने नहीं आई है. सत्तार उस समय पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की केरल इकाई के महासचिव थे.
सुनवाई के दौरान जब राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की ओर से विरोध जताया गया, तब पीठ ने स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा:"आप किसी को उसकी विचारधारा के आधार पर जेल में नहीं डाल सकते. हम इस तरह की प्रवृत्तियां देख रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि किसी खास विचारधारा से जुड़ाव के कारण उन्हें जेल भेजा गया है."
इस टिप्पणी को न्यायालय की ओर से विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है. कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि विचारधारा मात्र को अपराध से जोड़कर देखना संविधान सम्मत नहीं है.