नयी दिल्ली
दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर सोमवार सुबह सात बजे खतरे के निशान से नीचे 205.22 मीटर पर आ गया वहीं एक दिन पहले रविवार को यह 205.33 मीटर था।
जलस्तर पिछले बृहस्पतिवार को 207.48 मीटर तक पहुंच गया था, जो इस मौसम का सबसे उच्चतम स्तर था। इसके बाद से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। सोमवार सुबह छह बजे जलस्तर 205.24 मीटर पर था।
बाढ़ नियंत्रण बुलेटिन के अनुसार, सोमवार रात आठ बजे तक जलस्तर 205.02 मीटर पर पहुंच जाएगा तथा इसमें गिरावट जारी रहेगी।
यमुना का जलस्तर घटने के साथ ही प्रभावित लोग अपने घरों को लौटने लगेंगे। हालांकि, उनके सामने अगली बड़ी चुनौती अपने घरों की साफ-सफाई और कारोबार को फिर से शुरू करने की होगी।
राष्ट्रीय राजधानी के लिए चेतावनी का निशान 204.50 मीटर व खतरे का निशान 205.33 मीटर है, जबकि जलस्तर के 206 मीटर तक पहुंचने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया जाता है।
रविवार रात नौ बजे जलस्तर 205.33 मीटर दर्ज किया गया था। यमुना ने मंगलवार को खतरे का निशान पार कर लिया था, जिसके कारण पुराने रेलवे पुल पर आवागमन बंद कर दिया गया था। इस स्थिति के कारण करीब 10,000 लोग प्रभावित हुए।
पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए एक प्रमुख अवलोकन बिंदु के रूप में काम करता है।
बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार हथिनीकुंड बैराज से 44,210 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जबकि वजीराबाद बैराज से 62,620 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं।
पिछले कुछ दिनों में यमुना के किनारे के कई इलाके जलमग्न हो गए थे। निचले इलाकों से निकाले गए लोगों के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और मयूर विहार क्षेत्रों में अस्थायी राहत शिविर लगाए गए हैं।
मॉनेस्ट्री बाजार, मदनपुर खादर और यमुना बाजार जैसे इलाके भी बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिससे लोगों को शिविरों में शरण लेनी पड़ी।
दिल्ली को 2023 में अभूतपूर्व बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा था। उस दौरान कई इलाके जलमग्न हो गए थे और 25,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था।
यमुना का जलस्तर 13 जुलाई 2023 को रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था जिससे पूर्वी, उत्तर-पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई थी। राजघाट और मॉनेस्ट्री बाजार जैसे महत्वपूर्ण स्थान भी इसकी चपेट में आ गए थे।