वक्फ बोर्ड अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी के खिलाफ प्राथमिकी की मांग को लेकर पीडीपी का प्रदर्शन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 08-09-2025
PDP's protest intensifies demanding FIR against Waqf Board President Darakshan Andrabi, will approach Hazratbal police station
PDP's protest intensifies demanding FIR against Waqf Board President Darakshan Andrabi, will approach Hazratbal police station

 

श्रीनगर

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि हजरतबल दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक चिन्ह) वाली पट्टिका लगाए जाने को लेकर मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं, और इसके लिए जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।

महबूबा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में दावा किया कि पीडीपी ने पहले निगीन थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन वहां पुलिस ने शिकायत लेने से इनकार कर दिया। अब पार्टी हजरतबल थाने का रुख करेगी।

उन्होंने लिखा,"निगीन थाने में प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार के बाद, पीडीपी अब हजरतबल थाने जाएगी। मैं जम्मू-कश्मीर पुलिस से अपील करती हूं कि इस गंभीर मुद्दे को संज्ञान में लेते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए — क्योंकि यह कार्य मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत करने के इरादे से किया गया है।"

क्या है पूरा मामला?

गुरुवार को हजरतबल दरगाह के अंदर अशोक स्तंभ वाली पट्टिका लगाई गई थी। यह दरगाह इस्लाम धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है क्योंकि यहां पैगंबर मोहम्मद का पवित्र अवशेष रखा गया है। पट्टिका लगाए जाने के बाद शुक्रवार की नमाज के बाद कुछ अज्ञात लोगों ने इसे क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे कश्मीर घाटी में बड़ा विवाद खड़ा हो गया।

राजनैतिक दलों की प्रतिक्रिया:

नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और माकपा जैसी पार्टियों ने आरोप लगाया कि दरगाह जैसे धार्मिक स्थल पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का निर्णय “भड़काऊ और ईशनिंदा” जैसा है।उन्होंने अंद्राबी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने और उन्हें पद से हटाने की मांग की।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वक्फ बोर्ड को इस “गलती” के लिए माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि राष्ट्रीय प्रतीक सरकारी संस्थानों के लिए होता है, धार्मिक स्थलों के लिए नहीं।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पट्टिका को तोड़े जाने की निंदा की और कहा कि यह आतंकवाद और अलगाववाद को फिर से बढ़ावा देने की कोशिश है।

अंद्राबी का पलटवार:

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी ने पट्टिका को नुकसान पहुंचाने वाले अज्ञात व्यक्तियों पर जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद विवाद और तेज हो गया।

उमर अब्दुल्ला ने अंद्राबी की इस प्रतिक्रिया की आलोचना करते हुए कहा कि"बोर्ड ने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया और अब डराने-धमकाने की रणनीति अपना रहा है।"

पीडीपी की अगली रणनीति:

पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने भी 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा कि"मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि खुद अल्पसंख्यक समुदाय पीड़ा में है।"अब पीडीपी हजरतबल थाने में औपचारिक रूप से प्राथमिकी दर्ज कराने की कोशिश करेगी, ताकि दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक लगाने और धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोपों की कानूनी जांच शुरू हो सके।

इस पूरे विवाद ने धर्म, राजनीति और प्रशासनिक निर्णयों के बीच के जटिल समीकरणों को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है।