दिल्ली में फिर उफनी यमुना, एनडीआरएफ ने 1,150 लोगों को किया सुरक्षित; शिविरों में भी भरा पानी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 04-09-2025
Yamuna overflows again in Delhi, NDRF rescues 1,150 people; water filled even in camps
Yamuna overflows again in Delhi, NDRF rescues 1,150 people; water filled even in camps

 

नई दिल्ली

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर यमुना के उफान से बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस बार हालात इतने बिगड़ गए कि लोगों को पहले अपने घर छोड़ने पड़े, फिर राहत शिविरों में भी पानी भर जाने के बाद उन्हें दोबारा दूसरी जगहों पर शरण लेनी पड़ी।

एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) के जवानों ने नावों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की मदद से बाढ़ग्रस्त इलाकों से बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और मवेशियों तक को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। कुछ इलाकों में उन्हें घुटनों तक भरे पानी में चलकर रेस्क्यू करना पड़ा।

यमुना बाजार और मयूर विहार फेज 1जैसे क्षेत्रों में लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ी — पहले घर छोड़ना पड़ा और फिर राहत शिविरों (तंबुओं) में पानी भर जाने के कारण उन्हें वहां से भी हटना पड़ा और सरकारी स्कूलों में शरण लेनी पड़ी।

एनडीआरएफ के जवानों की राहत कार्य की तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें उन्हें यमुना के पानी से होते हुए लोगों और मवेशियों को बचाते देखा जा सकता है।

एनडीआरएफ की 16वीं बटालियन के कमांडेंट अबुजम बिजॉय कुमार सिंह ने बताया कि यमुना बाजार और आसपास के संवेदनशील क्षेत्रों से अब तक करीब 1,150नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा,

"जल स्तर अब स्थिर है और अनुमान है कि आज रात तक इसमें गिरावट आने लगेगी। हमारी चार यूनिट्स दो दिन से लगातार चौबीसों घंटे काम कर रही हैं।"

उन्होंने यह भी बताया कि राहत कार्य में सबसे बड़ी चुनौती लोगों को घर और अपना सामान छोड़ने के लिए मनाना था।"हालांकि, इस बार की स्थिति में 2023की तुलना में सुधार देखा गया है। लोगों ने हालात की गंभीरता को समझा और निकासी में हमारा सहयोग किया," उन्होंने कहा।

गौरतलब है कि 2023में दिल्ली ने अपनी सबसे भयानक बाढ़ देखी थी, जब भारी बारिश और यमुना के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी के कारण करीब 25,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था।

इस बार भी यमुना के पानी ने कई घरों को पूरी तरह जलमग्न कर दिया, दुकानों का हजारों का सामान नष्ट हो गया, और राष्ट्रीय राजधानी में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।

बुधवार को यमुना का जलस्तर 207मीटर के पार पहुंच गया, जो कि 1963 के बाद केवल पांचवीं बार हुआ है। इसका असर सिर्फ रिहायशी इलाकों तक ही नहीं बल्कि बाजारों और व्यापारिक क्षेत्रों तक भी पहुंचा।

बेला रोड, सिविल लाइंस और आसपास के इलाकों की दुकानें भी जलमग्न हो गईं। वहां के एक दुकानदार पुरुषोत्तम कुमार ने बताया,"हमारी दुकानें पूरी तरह पानी में डूब गई हैं। 10लाख रुपये से ज़्यादा का सामान बर्बाद हो गया है।"

दिल्ली में इस साल भी, पिछली बार की तरह, एक बार फिर बाढ़ जैसी आपदा ने लोगों को बेघर कर दिया है और कई इलाकों में अब भी हालात सामान्य होने में वक्त लगेगा।

एनडीआरएफ की मुस्तैदी और तत्परता ने एक बार फिर साबित किया है कि आपदा के समय उनकी भूमिका कितनी अहम होती है। हालांकि, शहर के बुनियादी ढांचे और जल निकासी व्यवस्था पर सवाल भी उठने लगे हैं, जिन्हें भविष्य में सुधारे बिना राहत कार्यों से हालात में स्थायी सुधार संभव नहीं होगा।