पश्चिम बंगाल विधानसभा ने अपराजिता बलात्कार विरोधी विधेयक पारित किया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 03-09-2024
West Bengal Assembly passes Aparajita anti-rape bill
West Bengal Assembly passes Aparajita anti-rape bill

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से 'अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) 2024' पारित कर दिया. यह विधेयक पिछले महीने 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल सेंटर एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए दुखद बलात्कार और हत्या के बाद पारित किया गया है.
 
इससे पहले आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन विधेयक 2024 के लिए अपना समर्थन जताया और कहा कि यह विधेयक महिलाओं की गरिमा को सुरक्षित रखने के लिए लाया जा रहा है और अगर बंगाल के साथ दुर्व्यवहार किया गया तो इसका व्यापक असर होगा. सीएम ममता बनर्जी ने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री को दो पत्र लिखे थे, लेकिन मुझे उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला, बल्कि मुझे महिला एवं बाल विकास मंत्री की तरफ से जवाब मिला, लेकिन मैंने उनके जवाब का भी जवाब दिया और प्रधानमंत्री को जानकारी दी. 
 
जब चुनाव से पहले जल्दबाजी में न्याय संहिता विधेयक पारित किया गया था, तब मैंने कहा था कि इसे जल्दबाजी में पारित नहीं किया जाना चाहिए, इसमें राज्यों से सलाह नहीं ली गई. मैंने कई बार इसका विरोध किया था क्योंकि इस संबंध में राज्यों से कोई सलाह नहीं ली गई थी, इसे राज्यसभा, विपक्ष और सभी दलों से चर्चा करने के बाद पारित किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. 
 
इसलिए आज हम महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह (विधेयक) ला रहे हैं. अगर बंगाल के साथ बुरा व्यवहार किया गया, तो इसका असर दूसरे राज्यों पर भी पड़ेगा." बनर्जी ने कहा कि जिस तरह से उन्हें अपमानित किया जा रहा है, अगर टीएमसी प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के बारे में बोलती है, तो क्या यह उचित होगा? उन्होंने कहा, "मैं चाहती थी कि केंद्र सरकार इस कानून को पारित करे, लेकिन हम इस कमी को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं. बिलकिस के बलात्कारियों को माला पहनाई गई. आज सीपीएम और बीजेपी में होड़ लगी हुई है. 
 
सीपीएम के राज में एक भी महिला पुलिस स्टेशन नहीं था." उन्होंने आगे कहा कि कोलकाता दूसरे शहरों के मुकाबले सुरक्षित है. उन्होंने कहा, "मैं अपने सभी भाइयों और बहनों को धन्यवाद देना चाहती हूं और कहना चाहती हूं कि मैं हर दिन लड़कियों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ूंगी...यह इतिहास को दोहराने और लड़कियों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने का मामला है...43 साल पहले 1981 में इसी दिन महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 'महिलाओं के खिलाफ सभी तरह के भेदभाव के उन्मूलन पर सम्मेलन' के लिए एक समिति बनाई थी. 
 
मैं पीड़ित डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन कर रहे सभी लोगों को बधाई देना चाहती हूं. परिवार के प्रति मैं अपना दुख व्यक्त करना चाहती हूं. हम बलात्कारियों के लिए कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि सभ्य समाज में सभी लोग एकमत होकर इस बिल का समर्थन करेंगे. जिस समाज में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, वह कभी प्रगति नहीं कर सकता." उन्होंने आगे कहा कि जूनियर डॉक्टर की मौत 9 अगस्त को हुई थी और पुलिस ने 12 घंटे में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था.
 
12 तारीख को मैं पीड़िता के परिवार से मिलने गई थी. मैंने परिवार से कहा कि आज सोमवार है, मुझे रविवार तक का समय दीजिए. अगर हम सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाए तो मामला सीबीआई को सौंप दिया जाएगा और वे मान गए. पुलिस को मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने में 12 घंटे लग गए. साइबर क्राइम टीम का गठन किया गया. हमने फास्ट ट्रैक कोर्ट को फैसला सुनाने का निर्देश भी दिया था लेकिन मामला सीबीआई को सौंप दिया गया. अब हम सीबीआई से न्याय चाहते हैं. हम शुरू से ही मृत्युदंड चाहते हैं.
 
विधानसभा में पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस (बलात्कार विरोधी) कानून को तत्काल लागू करने की मांग की.
 
अधिकारी ने कहा, "हम इस (बलात्कार विरोधी) कानून का तत्काल क्रियान्वयन चाहते हैं, यह आपकी (राज्य सरकार) जिम्मेदारी है. हम परिणाम चाहते हैं, यह सरकार की जिम्मेदारी है. हम कोई विभाजन नहीं चाहते हैं, हम आपका पूरा समर्थन करते हैं, हम मुख्यमंत्री का बयान आराम से सुनेंगे, वह जो चाहें कह सकती हैं लेकिन आपको यह गारंटी देनी होगी कि यह विधेयक तत्काल लागू होगा."