देहरादून (उत्तराखंड)\ नेपाल में 'जेनरेशन ज़ेड' के नेतृत्व में हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर, उत्तराखंड पुलिस ने गुरुवार को ऊधम सिंह नगर और चंपावत जिलों में नेपाल से लगी सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
पुलिस मुख्यालय ने बताया कि पड़ोसी देश नेपाल में हुई हिंसक घटनाओं को देखते हुए, आईजी कुमाऊं रिद्धिमा अग्रवाल ने ऊधम सिंह नगर और चंपावत जिलों में नेपाल सीमा पर सुरक्षा का जायजा लिया। उन्होंने दोनों जिलों के जिला प्रभारियों के साथ-साथ एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी चर्चा की। इस दौरान एसएसपी ऊधम सिंह नगर, मणिकांत मिश्रा, भी मौजूद थे।
नेपाल में मरने वालों की संख्या 31 हुई
द काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, काठमांडू घाटी में चल रहे 'जेनरेशन ज़ेड' के विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है। यह जानकारी त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल के फोरेंसिक चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने दी है, जहाँ शवों को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 25 पीड़ितों की पहचान हो चुकी है, जबकि छह अन्य लोगों (पाँच पुरुष और एक महिला) की पहचान अभी बाकी है। विभाग के प्रमुख डॉ. गोपाल कुमार चौधरी ने कहा, "हमने अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार पोस्टमार्टम किया है... हमें शवों को रखने के लिए कहा गया है; हम मृतक का विवरण नहीं बता सकते।"
अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश पहचान विरोध स्थलों पर मिले दस्तावेजों या परिवार के सदस्यों द्वारा शवों को पहचानने से हुई है। इसके अलावा, इस पूरे क्षेत्र में 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
क्यों हो रहे हैं ये विरोध प्रदर्शन?
प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे युवा नेताओं ने कहा है कि सरकार में व्याप्त "संस्थागत भ्रष्टाचार और पक्षपात" उनकी लामबंदी का मुख्य कारण है। ये विरोध प्रदर्शन 8 सितंबर, 2025 को काठमांडू और पोखरा, बुटवल और बीरगंज जैसे प्रमुख शहरों में शुरू हुए थे।
यह अशांति सरकार द्वारा कर राजस्व और साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के बाद शुरू हुई थी। प्रदर्शनकारी सरकार से अधिक जवाबदेह और पारदर्शी होने की मांग कर रहे हैं, और साथ ही सोशल मीडिया प्रतिबंध को भी रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिसे वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का प्रयास मानते हैं।
नेपाली सेना द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए काठमांडू सहित कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है, जो शुक्रवार सुबह तक जारी रहेगा।