नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को 'फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन-ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम' (FTI-TTP) का विस्तार किया। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "गति, पैमाने और दायरे" के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो पूर्व-सत्यापित भारतीय नागरिकों और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड धारकों के लिए इमिग्रेशन प्रक्रिया को तेज करेगी।
इस कार्यक्रम को लखनऊ, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, कोझिकोड और अमृतसर के पाँच और हवाई अड्डों पर लॉन्च करते हुए, अमित शाह ने कहा कि अब यात्रियों को लंबी कतारों और मैन्युअल जाँच का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्हें केवल 30 सेकंड में इमिग्रेशन क्लियरेंस मिल जाएगी।
देश के 13 हवाई अड्डों पर उपलब्ध हुई सुविधा
इस विशेष पहल की शुरुआत सबसे पहले जुलाई 2024 में दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर की गई थी। इसके दो महीने बाद, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोचीन और अहमदाबाद सहित सात और हवाई अड्डों पर इसे लागू किया गया। अब पाँच और हवाई अड्डों के जुड़ने से यह सुविधा देश के कुल 13 हवाई अड्डों पर एक साथ उपलब्ध हो गई है।
अमित शाह ने कहा कि यह सुविधा न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि उन्हें देश में हो रहे बदलावों से परिचित होने का अवसर भी प्रदान करेगी। उन्होंने एक विशेष वर्चुअल कार्यक्रम में कहा, "यात्रियों की सुविधा बढ़ाने का अगला चरण, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'गति, पैमाने और दायरे' के दृष्टिकोण के अनुरूप है, आज इस कार्यक्रम के साथ शुरू होता है।"
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा जोर दिया है कि तकनीकी उपकरणों के साथ-साथ विश्वास को बढ़ाने वाले प्रयास भी किए जाने चाहिए, और यह पहल उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम का उद्देश्य और लाभ
अमित शाह ने कहा कि FTI-TTP के साथ, निर्दिष्ट हवाई अड्डों पर सहज इमिग्रेशन सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल सुविधा प्रदान करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए कि अधिक से अधिक यात्रियों को इसका लाभ मिले। उन्होंने सुझाव दिया कि पासपोर्ट और ओसीआई कार्ड जारी करते समय ही पंजीकरण की सुविधा दी जानी चाहिए, ताकि यात्रियों को बाद में फिंगरप्रिंट या दस्तावेज़ जमा करने के लिए वापस न आना पड़े।
अमित शाह ने कहा कि इस कार्यक्रम से भारतीय नागरिकों को निश्चित रूप से लाभ होगा, लेकिन ओसीआई कार्ड धारकों को सबसे अधिक फायदा मिलेगा। उन्होंने FTI-TTP को एक ऐसा कार्यक्रम बताया जो सुविधा और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों को बढ़ाता है। गृह मंत्रालय ने इस कार्यक्रम को आगामी नवी मुंबई और जेवर हवाई अड्डों के साथ एकीकृत करने की योजना बनाई है।
उन्होंने बताया कि अब तक इस पोर्टल पर करीब 3 लाख यात्रियों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से 2.65 लाख ने इस सुविधा का उपयोग किया है, और इस संख्या को लगातार बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय यात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय यात्री यातायात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि 2014 में विदेश जाने वाले यात्रियों की संख्या 3.54 करोड़ थी, जो 2024 में लगभग 73% बढ़कर 6.12 करोड़ हो गई। इसी तरह, भारत आने वाले विदेशी यात्रियों की संख्या 2014 में 1.53 करोड़ थी, जो 2024 में लगभग 31% बढ़कर 2 करोड़ हो गई।
दोनों आँकड़ों को मिलाकर, 2014 में कुल यात्रियों की संख्या 5.07 करोड़ थी, जबकि 2024 में यह 8.12 करोड़ थी, जो 60% की कुल वृद्धि दर्शाती है।
कैसे काम करता है FTI-TTP?
FTI-TTP को ऑनलाइन पोर्टल,
पंजीकृत यात्रियों को ई-गेट पर एयरलाइन द्वारा जारी अपना बोर्डिंग पास और फिर अपना पासपोर्ट स्कैन करना होता है। यात्री के बायोमेट्रिक्स को आगमन और प्रस्थान बिंदुओं पर स्थापित ई-गेट्स पर सत्यापित किया जाता है। सफल सत्यापन पर, ई-गेट स्वचालित रूप से खुल जाता है, और इमिग्रेशन क्लियरेंस मिल जाती है।
FTI-TTP, जिसका उद्देश्य भारतीय नागरिकों और ओसीआई कार्ड धारकों के लिए तेज, सहज और सुरक्षित इमिग्रेशन क्लियरेंस की सुविधा देना है, शुरुआत में मुफ्त आधार पर शुरू किया गया है। एक अधिकारी के अनुसार, यह अमेरिका द्वारा पेश किए गए 'ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम' के समान है। यह कार्यक्रम अंततः देश के 21 प्रमुख हवाई अड्डों पर शुरू किया जाएगा।