भारतीय सेना का 'ऑपरेशन सियोम प्रहार' सफल: ड्रोन टेक्नोलॉजी का सामरिक उपयोग प्रमाणित
Indian Army's 'Operation Siyom Prahar' successful: Strategic use of drone technology proven
नई दिल्ली
भारतीय सेना ने 8से 10सितंबर तक चले एक प्रमुख फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास, 'सियोम प्रहार' को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। इस अभ्यास का उद्देश्य आधुनिक सामरिक अभियानों में ड्रोन तकनीक के उपयोग को प्रभावी ढंग से प्रमाणित करना था।
वास्तविक युद्धक्षेत्र की परिस्थितियों में किए गए इस अभ्यास ने परिचालन तैयारियों में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाया, जिसमें ड्रोन को सामरिक और परिचालन दोनों आयामों में प्रभावी ढंग से एकीकृत किया गया।
अभ्यास का उद्देश्य और परिणाम
जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस अभ्यास में निरंतर निगरानी, युद्धक्षेत्र की टोह लेने, लक्ष्य का पता लगाने और सटीक हमले करने जैसे कार्य शामिल थे। यह विकास युद्ध की प्रभावशीलता बढ़ाने में मानवरहित हवाई वाहनों (UAVs) की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है।
अभ्यास का मुख्य केंद्र भविष्य के युद्धक्षेत्रों के लिए उपयुक्त नई रणनीतियों, तकनीकों और प्रक्रियाओं (TTPs) का विकास और सत्यापन करना था। इसमें ड्रोन से प्राप्त इनपुट को पारंपरिक हथियारों के साथ एकीकृत करने, संयुक्त लक्ष्यीकरण प्रक्रियाओं को परिष्कृत करने और तेजी से बदलते युद्ध परिदृश्यों में त्वरित निर्णय लेने के लिए अभिनव तरीके शामिल थे।
इस अभ्यास ने पारंपरिक लड़ाकू हथियारों और उभरते तकनीकी समर्थकों के बीच तालमेल और अनुकूलता के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
भविष्य के लिए भारतीय सेना की तैयारी
'सियोम प्रहार' अभ्यास के माध्यम से, भारतीय सेना ने सैन्य नवाचार में सबसे आगे रहने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। मानवरहित हवाई प्रणालियों जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को सिद्ध युद्ध कौशल के साथ मिलाकर, सेना यह सुनिश्चित करना जारी रखेगी कि वह संघर्ष के सभी क्षेत्रों में उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।
इस अभ्यास के परिणामों ने परिचालन एकीकरण, बल गुणकों और भविष्य की रोजगार अवधारणाओं के लिए मूल्यवान सबक प्रदान किए हैं, जैसा कि विज्ञप्ति में कहा गया है। 'सियोम प्रहार' ने परिचालन श्रेष्ठता सुनिश्चित करने में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए सेना के संकल्प को प्रदर्शित किया, जिससे समग्र युद्ध की तैयारी बढ़ी और यह सुनिश्चित हुआ कि सेना भविष्य के लिए तैयार और युद्ध-सक्षम बनी रहे।