देहरादून (उत्तराखंड)
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को "शहीदों" के परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी। उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
वीरता पुरस्कारों से सम्मानित सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त और वार्षिक राशि में भी वृद्धि की गई है। परमवीर चक्र विजेताओं के लिए अनुग्रह राशि अब 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दी गई है। पूर्व सैनिकों और बेटियों को ड्रोन दीदी के रूप में ड्रोन संचालन का रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया है।
सरकार ने पूर्व सैनिकों, सैनिकों की विधवाओं और 60 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुकी वीर नारियों के लिए बद्रीनाथ धाम की मुफ्त यात्रा की सुविधा भी प्रदान की है। राज्य सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा में लेने की व्यवस्था की है। अब तक "शहीदों" के 37 आश्रितों को सरकारी नौकरी प्रदान की जा चुकी है। इस योजना के तहत सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन की अवधि भी दो साल से बढ़ाकर पाँच साल कर दी गई है।
धामी सरकार पुलिस, परिवहन, वन और अन्य विभागों की भर्तियों में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में एक प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जाएगा। विज्ञप्ति के अनुसार, अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को इसका लाभ मिलेगा।
उत्तराखंड में वीरता पुरस्कार विजेता सैनिकों और पूर्व सैनिकों को मुफ्त यात्रा सुविधा के साथ-साथ रोडवेज बसें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। सेवारत और पूर्व सैनिकों को 25 लाख रुपये तक की स्थायी संपत्ति की खरीद पर स्टांप शुल्क में 25 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा कन्या विवाह अनुदान सहित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य भर में "शहीद स्मारक" बनाए जा रहे हैं।
बयान के अनुसार, शहीदों के नाम पर स्कूलों और सड़कों का नामकरण किया गया है। खटीमा में सैनिक मिलन केंद्र और सीएसडी कैंटीन का निर्माण किया जा रहा है, तथा टनकपुर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक भव्य सैनिक विश्राम गृह का निर्माण किया जा रहा है।
पिछले चार वर्षों में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में, राज्य सरकार ने सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के सम्मान और कल्याण हेतु कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। विज्ञप्ति के अनुसार, अमर शहीदों की स्मृति में देहरादून में भव्य शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। इस सैन्य धाम में राज्य भर की 28 नदियों का जल और "शहीद" सैनिकों के घरों से लाई गई मिट्टी सम्मिलित है।