उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी जारी, सीएम धामी ने 24x7 अलर्ट जारी करने के निर्देश दिए

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 31-08-2025
Uttarakhand CM Dhami directs 24x7 alert as heavy rain warnings issued
Uttarakhand CM Dhami directs 24x7 alert as heavy rain warnings issued

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को जिला स्तरीय अधिकारियों को अगले कुछ दिनों में अधिकांश जिलों के लिए मौसम विभाग द्वारा जारी रेड और ऑरेंज चेतावनियों के मद्देनजर चौबीसों घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
 
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य अत्यधिक वर्षा के कारण चुनौतियों का सामना कर रहा है और आने वाले कुछ दिन और कठिन होने वाले हैं।
 
उन्होंने सभी अधिकारियों को आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। भूस्खलन के खतरे को देखते हुए मार्गों पर विशेष सतर्कता बरती जाए और मैदानी इलाकों में जलभराव की आशंका को देखते हुए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएं।
उन्होंने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से हर स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए।
 
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों और जिला प्रतिनिधियों को राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति का आकलन करने और आवश्यक दिशा-निर्देश देने के निर्देश दिए।
 
उन्होंने कहा कि सरकार आपदाओं में बेघर हुए लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है और उनके सर्वोत्तम पुनर्वास के लिए हर स्तर पर काम किया जा रहा है।  उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों को आपदा प्रभावितों के पुनर्वास पर तत्परता से कार्य करने तथा मैदानी जिलों में पुनर्वास के विकल्प तलाशने के निर्देश दिए।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस कठिन घड़ी में हम सभी प्रभावित भाई-बहनों का दर्द गहराई से समझते हैं। राज्य सरकार केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, हम उनकी भावनाओं और संवेदनाओं से भी जुड़े हैं।
 
उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे उनके दुख को अपना दुख समझें और उनके पुनर्वास के लिए पूरे समर्पण के साथ कार्य करें, जिससे जनजीवन सामान्य हो सके।
 
इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिलों में अधिकारी फील्ड में रहकर युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित करें। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव गृह श्री शैलेश बगौली, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव श्री आनंद स्वरूप, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में उपमहानिरीक्षक कार्यान्वयन श्री राजकुमार नेगी, क्षेत्रीय आपातकालीन परिचालन केंद्र के मोहम्मद ओबैदुल्ला अंसारी, श्री हेमंत बिष्ट, रोहित कुमार आदि उपस्थित थे।
 
 वहीं, प्रमुख सचिव श्री आरके सुधांशु, सचिव लोक निर्माण विभाग पंकज कुमार पांडे, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार, मंडलायुक्त श्री विनय शंकर पांडे और श्री दीपक रावत वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
 
मुख्यमंत्री ने बीआरओ के अधिकारियों से ज्योतिर्मठ-मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर तमक नाले में बह गए पुल के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह पुल सामरिक दृष्टि से राज्य और देश दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए यहां जल्द से जल्द बेली ब्रिज बनाकर यातायात सुचारू किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि बीआरओ को राज्य स्तर से किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होगी, तो वह तत्काल प्रदान की जाएगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार पांडे को बीआरओ के अधिकारियों से संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए।
 
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यात्रा शुरू होने से पहले गंगोत्री राजमार्ग को सुरक्षित और बेहतर स्थिति में लाया जाए। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से यात्री विश्वास के साथ चारधाम यात्रा के लिए आते हैं, उनकी यात्रा सुरक्षित हो, यह हमारा कर्तव्य है और इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई की गुंजाइश नहीं है।
 
 इस दौरान मुख्यमंत्री ने दोहराया कि बरसात खत्म होने के बाद पैचिंग और नई सड़कें बनाने का काम हर हाल में शुरू हो जाना चाहिए। इसमें किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस बीच टेंडर और अन्य सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएं।
सीएम धामी ने उत्तरकाशी के हर्षिल और स्यानाचट्टी में बनी झीलों की स्थिति और जल निकासी की जानकारी ली।
 
उन्होंने कहा कि स्यानाचट्टी में झील का जलस्तर बढ़ने की सूचना मिली है, इसलिए वहां चौबीसों घंटे निगरानी और राहत एवं बचाव दल हर समय तैनात रहें। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पुल को कोई खतरा न हो।
उन्होंने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी को झील का जलस्तर कम करने और उससे अधिक पानी निकालने के लिए उचित प्रयास करने के निर्देश दिए।
उन्होंने निर्देश दिए कि स्यानाचट्टी के लोगों की सभी जरूरतें पूरी की जाएं और बिजली-पानी हर समय उपलब्ध कराया जाए।  माननीय मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि हर्षिल और स्यानाचट्टी में भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया है, जिसे नदी से हटाना बेहद ज़रूरी है।
 
उन्होंने सुरक्षित स्थानों पर मिट्टी निस्तारण स्थल बनाने और मलबा वहीं डालने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजने का भी अनुरोध किया।