सूरत हीरा व्यापार संकट में: अमेरिका की 50 प्रतिशत टैरिफ से ऑर्डर रद्द

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 03-09-2025
Surat diamond trade in crisis: US' 50% tariff cancels orders
Surat diamond trade in crisis: US' 50% tariff cancels orders

 

सूरत (गुजरात)

गुजरात के सूरत का हीरा उद्योग इन दिनों गहरे संकट से जूझ रहा है। अमेरिका द्वारा भारतीय हीरा आयात पर 50% टैरिफ लगाने के बाद कारोबार पर सीधा असर पड़ा है।

हीरा व्यापारी उमेश मुनजापरा और किरण सुथार ने बताया कि अमेरिका से आ रहे सभी ऑर्डर रद्द हो चुके हैं और नए ऑर्डर भी नहीं मिल रहे हैं। इससे कारोबार ठप होता जा रहा है।

उमेश मुनजापरा ने कहा, “हीरे का व्यापार बहुत प्रभावित हुआ है। हमारे सारे ऑर्डर अमेरिका से कैंसिल हो रहे हैं और नए ऑर्डर नहीं आ रहे, जिससे बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है... अब हम अमेरिका से बाहर कारोबार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वैश्विक बाजार में ग्राहकों की मांग पूरी की जा सके।"

उन्होंने आगे कहा कि 50% टैरिफ से अमेरिकी बाजार में हीरे महंगे हो गए हैं। “यह व्यापारिक मसला है, इसे व्यक्तिगत मामलों से अलग रखना चाहिए। ट्रंप सरकार भारत पर दबाव बनाने के लिए यह कर लगा रही है, जो गलत है। हम चाहते हैं कि भारत और अमेरिका बैठकर समाधान निकालें।”

सूरत का हीरा उद्योग 8 लाख से अधिक कारीगरों को रोजगार देता है और अमेरिका पर इसकी सबसे बड़ी निर्भरता है, जहां भारत के कुल हीरा निर्यात का करीब 32% जाता है।

दूसरे व्यापारी किरण सुथार ने कहा, “25% टैरिफ लगने पर भी दिक्कतें थीं लेकिन कारोबार चलता रहा। अब 50% टैरिफ से पूरा काम रुक गया है। अमेरिकी ग्राहक पहले ही स्टॉक जमा कर चुके हैं, इसलिए नए ऑर्डर नहीं आ रहे। एक हफ्ते से कोई ऑर्डर नहीं मिला है। अमेरिकी ग्राहक भी अपनी सरकार से नाराज हैं क्योंकि सामान महंगा हो गया है।”

उन्होंने बताया कि भारतीय ज्वैलरी बाजार बड़ा है और वहां से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। “हम घरेलू बाजार और अन्य देशों में निर्यात बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।”

जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) ने भी सरकार से राहत की मांग की है, जिसमें स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) में बने माल को शुल्क-मुक्त बिक्री की अनुमति और कंपनियों को ब्याज पर राहत देने की बात शामिल है।

उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, 50% टैरिफ का असर केवल हीरा और ज्वैलरी उद्योग तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वस्त्र, रसायन और मशीनरी जैसे क्षेत्रों पर भी पड़ेगा, जिससे अमेरिका में व्यापारिक नुकसान होगा।

अमेरिका ने यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू किया। पहले 25% टैरिफ लगाया गया था और बाद में रूस से तेल खरीदने के चलते भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ और थोप दिया गया।