लखनऊ
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक कार्यक्रम में महिला का हिजाब हटाने के मामले पर की गई टिप्पणी को लेकर घिरे उत्तर प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी का गलत अनुवाद और गलत अर्थ निकाला गया, उसमें कोई दुर्भावना नहीं थी। हालांकि, विपक्षी दलों का विरोध तेज हो गया है और समाजवादी पार्टी (सपा) ने लखनऊ पुलिस में मंत्री निषाद और नीतीश कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
विवाद को शांत करने की कोशिश करते हुए निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद ने कहा कि उनकी टिप्पणी हल्के-फुल्के अंदाज़ में की गई थी, जिसे तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।
उन्होंने पीटीआई से कहा,“मेरी बात को बदला गया, गलत समझा गया और शोर-शराबे व अनुवाद में उसका मूल भाव खो गया। अगर किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने शब्द वापस लेने को तैयार हूं।”
निषाद ने बताया कि वह गोरखपुर और भोजपुरी भाषी क्षेत्र से आते हैं, जहां बोलने का अंदाज़ अलग होता है।
उन्होंने कहा,“भोजपुरी में यह किसी मुद्दे को बेवजह तूल न देने और संयम बरतने की सलाह देने का आम तरीका है। मैंने वही शैली हिंदी में अपनाई, लेकिन मुझे अंदाज़ा नहीं था कि यह इतना बड़ा विवाद बन जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि जैसे हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र या तमिलनाडु में भाषा और अभिव्यक्ति का तरीका अलग होता है, वैसे ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी बोलियां अलग हैं। “इसका मतलब यह नहीं कि अपमान करने का कोई इरादा था,” उन्होंने जोड़ा।
निषाद ने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार ने महिला का हिजाब सिर्फ यह जांचने के लिए हटाया था कि सरकारी योजना की वास्तविक लाभार्थी मौजूद है या नहीं। उनके मुताबिक, कार्यक्रम से पहले उचित व्यवस्था करना अधिकारियों की जिम्मेदारी थी।
वहीं, विपक्षी दलों ने मंत्री की टिप्पणी को लेकर कड़ा रुख अपनाया है।
कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय राय ने इसे “घोर महिला-विरोधी” करार देते हुए बिना शर्त माफी की मांग की और कहा कि माफी नहीं देने पर मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए।
सपा प्रवक्ता अब्बास हैदर ने टिप्पणी को “निंदनीय और अशोभनीय” बताया और पूछा कि क्या यही भाजपा-नीत सरकार की सोच है।
आम आदमी पार्टी की यूपी इकाई ने भी बयान को “शर्मनाक” और “महिला-विरोधी” करार दिया।
इस बीच, सपा प्रवक्ता सुमैय्या राना ने बुधवार को कैसरबाग थाने में लिखित शिकायत देकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा महिला का हिजाब हटाने का वीडियो महिलाओं में आक्रोश पैदा कर रहा है। खुद हिजाब पहनने वाली राना ने कहा कि अगर उनके साथ ऐसा होता, तो वे चुप नहीं रहतीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने पहले उन्हें एक थाने से दूसरे थाने भेजा, हालांकि बाद में शिकायत स्वीकार कर ली गई और जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने की बात कही गई।
कैसरबाग के सहायक पुलिस आयुक्त रत्नेश सिंह ने बताया कि मामले की जांच जारी है और उसके निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि संजय निषाद की विवादित टिप्पणी एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में सामने आई थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हुआ और इसके बाद राजनीतिक विवाद गहरा गया।