नई दिल्ली।
भारत और नीदरलैंड के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को नई दिशा देते हुए गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड के विदेश मंत्री डेविड वैन वील से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय सुरक्षा, रक्षा सहयोग और रक्षा उपकरणों के सह-विकास (Co-development) एवं सह-उत्पादन (Co-production) से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
इस अहम बैठक के दौरान भारत और नीदरलैंड के बीच रक्षा सहयोग पर एक “लेटर ऑफ इंटेंट” (Letter of Intent) पर भी हस्ताक्षर किए गए। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह दस्तावेज दोनों देशों के रक्षा संबंधों को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पत्र का आदान-प्रदान भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और भारत में नीदरलैंड की राजदूत मारिसा जेरार्ड्स के बीच किया गया।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राजनाथ सिंह और डच विदेश मंत्री ने भारत–नीदरलैंड के बीच तेजी से मजबूत हो रही रक्षा साझेदारी को दोहराया और इसे रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ बनाने पर सहमति जताई।
सह-विकास और सह-उत्पादन पर विशेष जोर
बैठक में दोनों मंत्रियों ने रक्षा क्षेत्र में उन प्राथमिक क्षेत्रों पर चर्चा की, जिनमें भविष्य में सह-विकास और सह-उत्पादन की संभावनाएं मौजूद हैं। इसमें अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों, प्लेटफॉर्म्स और उपकरणों के संयुक्त निर्माण पर जोर दिया गया। दोनों पक्षों ने सैन्य-से-सैन्य सहयोग को और गहरा करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।
इसके साथ ही, रक्षा उद्योगों के आपसी जुड़ाव को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया, खासकर निश (niche) और उन्नत तकनीकों के क्षेत्र में। दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि रक्षा औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने के लिए एक डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप तैयार किया जाएगा, जिससे तकनीकी सहयोग, सह-उत्पादन और सह-विकास को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाया जा सके।
इंडो-पैसिफिक पर साझा दृष्टिकोण
चर्चा के दौरान भारत और नीदरलैंड ने स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता को भी दोहराया। दोनों देशों ने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।
जन-जन के रिश्तों से मजबूत होता साझापन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और नीदरलैंड के बीच लोगों के बीच मजबूत संबंध हैं और नीदरलैंड में बड़ी संख्या में मौजूद भारतीय प्रवासी समुदाय दोनों देशों के बीच एक जीवंत सेतु की भूमिका निभा रहा है। यह जनसंपर्क न केवल सांस्कृतिक, बल्कि रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों को भी मजबूती देता है।
रणनीतिक साझेदारी की ओर एक और कदम
यह बैठक और लेटर ऑफ इंटेंट भारत–नीदरलैंड संबंधों में रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला कदम माना जा रहा है। इससे आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच तकनीकी साझेदारी, रक्षा उत्पादन और सुरक्षा सहयोग को और गति मिलने की उम्मीद है।






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