साल 2025 : भारत में गिरफ्तार किए गए घुसपैठियों में बांग्लादेशी सबसे आगे

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 18-12-2025
Year 2025: Bangladeshis topped the list of infiltrators arrested in India this year.
Year 2025: Bangladeshis topped the list of infiltrators arrested in India this year.

 

आवाज द वॉइस/नई दिल्ली/ढाका

भारत में 2025 के जनवरी से नवंबर तक घुसपैठियों की गिरफ्तारियों में बांग्लादेशियों की संख्या सबसे अधिक रही है। यह जानकारी देश के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद रॉय ने मंगलवार को लोकसभा में दी। उन्होंने बताया कि इस अवधि में बांग्लादेश-भारत सीमा के विभिन्न क्षेत्रों से भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने कुल 2,556 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया।
 
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राज्य मंत्री ने कहा कि जनवरी से नवंबर 2025 तक पांच देशों - बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, नेपाल और भूटान – से भारत में प्रवेश करने के प्रयास में कुल 3,120 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें सबसे अधिक गिरफ्तारियां बांग्लादेशियों की हुईं। इसके बाद म्यांमार का नंबर आता है, जहां 437 लोगों को घुसपैठ के आरोप में पकड़ा गया। इसी अवधि में पाकिस्तान सीमा से 49 और भारत-नेपाल-भूटान सीमा से 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
 
नित्यानंद रॉय ने बताया कि यह कोई नई समस्या नहीं है। पिछले दशक की प्रवृत्तियों के अनुसार, बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या लगातार सबसे अधिक रही है। उन्होंने कहा कि 2014 से 2024 तक के 10 वर्षों में भारत-बांग्लादेश सीमा के विभिन्न हिस्सों से कुल 18,851 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया।
 
म्यांमार की सीमा पर इस अवधि में बीएसएफ ने 1,165 लोगों को हिरासत में लिया, जबकि पाकिस्तान सीमा से 556 और भारत-नेपाल-भूटान सीमा से 234 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत में अवैध प्रवासन का सबसे बड़ा दबाव बांग्लादेश से है।
 
भारत की स्थलीय सीमा कुल छह देशों – बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, म्यांमार और चीन – के साथ लगती है। इन सीमाओं की कुल लंबाई 15,106.7 किलोमीटर है। इनमें से बांग्लादेश की सीमा सबसे लंबी है – 4,096.90 किलोमीटर, जो अवैध प्रवासन के सबसे बड़े स्रोत के रूप में सामने आती है।
 
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अवैध प्रवासन को रोकने के लिए भारत ने कई सुरक्षा उपाय किए हैं। राज्य मंत्री ने उल्लेख किया कि भारत ने बांग्लादेश के साथ अपनी 80 प्रतिशत सीमा पर कांटेदार तार की बाड़ लगा दी है। इसके अलावा, सीमा क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई गई है और बीएसएफ की पेट्रोलिंग को अधिक कड़ा किया गया है।
 
घुसपैठ के मामलों में बढ़ोतरी और उसके नियंत्रण के उपाय दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। बीएसएफ नियमित रूप से निगरानी और सुरक्षा अभियानों के जरिए अवैध प्रवासियों को रोकने का प्रयास कर रही है। राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में अधिकांश ऐसे हैं जो नौकरी, शिक्षा, या अन्य अवसरों के लिए सीमा पार करने की कोशिश करते हैं, लेकिन सुरक्षा बल उन्हें समय रहते पकड़ लेता है।
 
सांख्यिकी से पता चलता है कि अवैध प्रवासन का सबसे बड़ा बोझ बांग्लादेश से आता है। नित्यानंद रॉय के अनुसार, इस साल गिरफ्तार किए गए कुल 3,120 अवैध प्रवासियों में लगभग 82 प्रतिशत बांग्लादेशी थे, जबकि म्यांमार, पाकिस्तान और नेपाल-भूटान की सीमाओं से केवल सीमित संख्या में गिरफ्तारी हुई।
 
बीएसएफ की रणनीति में न केवल सीमाओं पर निगरानी बढ़ाना शामिल है, बल्कि प्रवासियों की पहचान, पंजीकरण और आवश्यक कानूनी कार्रवाई भी शामिल है। अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या सीमा सुरक्षा के लिए लगातार चुनौती है और इसे रोकने के लिए तकनीकी उपायों के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक और सामुदायिक सहयोग भी आवश्यक है।
 
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भारत-बांग्लादेश सीमा पर पिछले कुछ वर्षों में कई निगरानी तकनीकें लागू की गई हैं, जैसे कि सेंसर, ड्रोन, और निगरानी टावर, जो बीएसएफ को अवैध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई करने में सक्षम बनाते हैं। इसके अलावा, सीमा पार समुदायों में भी जागरूकता अभियान चलाए गए हैं ताकि लोग अवैध प्रवासन के दुष्परिणामों को समझें।
 
नित्यानंद रॉय ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि अवैध प्रवासन केवल सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी पड़ता है। अधिक संख्या में घुसपैठियों के आने से सीमावर्ती क्षेत्रों में अव्यवस्था, रोजगार के अवसरों पर दबाव और संसाधनों की कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
 
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राज्य मंत्री ने कहा कि भारत की कठोर सीमा सुरक्षा नीतियां और बीएसएफ की सक्रिय निगरानी भविष्य में अवैध प्रवासन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बांग्लादेश के साथ सहयोगात्मक प्रयास जारी रहेंगे और दोनों देशों के बीच सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए तकनीकी और मानव संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जाएगा।
 
इस तरह, जनवरी से नवंबर 2025 तक अवैध प्रवासन की निगरानी और गिरफ्तारी के आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि बांग्लादेश भारत के लिए अवैध प्रवासन का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है, और भारतीय सुरक्षा बल इस चुनौती का सामना करने में सतत प्रयासरत हैं।