नई पीढ़ी के हाथों में उर्दू सुरक्षित: कौसर सिद्दीकी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 2 Years ago
नई पीढ़ी के हाथों में उर्दू सुरक्षित: कौसर सिद्दीकी
नई पीढ़ी के हाथों में उर्दू सुरक्षित: कौसर सिद्दीकी

 

गुलाम कादिर /भोपाल 
 
प्रख्यात लेखिका कौसर सिद्दीकी का कहना है कि उर्दू को लेकर निराश होने की जरूरत नहीं. जिस नई पीढ़ी के साथ यह उभर रही है उसका स्वागत है. हमें नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करने के लिए यथासंभव अधिक से अधिक उर्दू कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए ताकि छात्रों को अपनी क्षमता को सबसे आगे लाने का अवसर मिल सके. 

उन्होंने कहा, उर्दू की बात करने वाले सिर्फ वही हैं जो उर्दू की जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं. 21वीं सदी में न केवल नई पीढ़ी को उर्दू भाषा के प्रति जागृत किया गया है, बल्कि जिस तरह से नई पीढ़ी उर्दू की विभिन्न विधाओं में अपने विचार व्यक्त कर रही है, वह उर्दू भाषा और साहित्य के विकास की संभावनाओं को और अधिक उजागर करती है.
 
उन्होंने यह विचार मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी के तत्वावधान में भोपाल में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में व्यक्त किए.उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी ने उर्दू के नए कलमकारों की प्रतिभा को सामने लाने के लिए राज्य स्तर पर तलाश जौहर कार्यक्रम नामक कार्यक्रम का आयोजन किया था.
 
तलाश जौहर कार्यक्रम के तहत न केवल उर्दू शायरी बल्कि उर्दू की विभिन्न विधाओं में लिखने वाले नए उर्दू कलमकारों को भी मौका दिया गया. प्रतियोगिता के सफल विद्यार्थियों को भोपाल ब्लॉकर अकादमी द्वारा पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया गया.
 
मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी की निदेशक नुसरत मेहदी का कहना है कि अकादमी का लक्ष्य उर्दू को धरातल पर उतारने का है. अकादमी ने प्रांतीय स्तर पर इसकी तलाशी का आयोजन किया. कार्यक्रम के सफल छात्रों के साथ स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर भजन, नात और गजल के साथ बैत बाजी, उर्दू पर निबंध लेखन, लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया.
 
वहीं, जिन छात्रों ने उर्दू विषय में महत्वपूर्ण अंक प्राप्त कर स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर अपना नाम बनाया है. उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया गया. वहीं, जशन उर्दू कार्यक्रम में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले उर्दू संघों के साथ उर्दू सेवकों को भी प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया. भाषा, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले प्रो. शकूर खान, प्रो. अफाक अहमद, अजहर राही, कौसर सिद्दीकी, आरिफ अजीज, डॉ. रजिया हामिद, रब्बा फातिमा जैदी और फरहत जहां को भी सम्मानित किया गया है.
 
प्रख्यात लेखिका फरहत जहां का कहना है कि मैं पहले भी उर्दू के बारे में कहा करता थी और अब भी कह रही हूं कि उर्दू का शोक मनाने वालों को उर्दू की जमीनी हकीकत का पता नहीं. आज न केवल अधिक उर्दू समाचार पत्र और पत्रिकाएं निकल रही हैं,पहले से कहीं अधिक उर्दू पुस्तकें भी प्रकाशित हो रही हैं. पहले केवल उर्दू समाचार पत्र और पत्रिकाएं ही प्रकाशित होती थीं, लेकिन अब बड़ी संख्या में उर्दू समाचार चैनल हैं जो उर्दू में प्रसारण का अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, जिनमें समाचार अठारह उर्दू की सेवाएं सबसे प्रमुख हैं.

हमें उर्दू के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरूरत है. यदि यह थोड़ा नम है, तो यह मिट्टी बहुत उपजाऊ है. मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा रविंदर भून में उर्दू छात्रों को पुरस्कार वितरित किए गए.हिंद मुशायरे के अवसर पर मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग द्वारा प्रख्यात उर्दू लेखकों को सम्मानित किया गया.
 
विश्वास सारंग ने उर्दू को बढ़ावा देने के लिए उर्दू अकादमी के प्रयासों की सराहना की और भाषा और साहित्य के प्रचार के लिए सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया.