भदोही
भदोही के कालीन व्यापारियों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का गंभीर प्रभाव पड़ा है, जिसके कारण वे अपने माल को आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं, ऐसा दावा कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (CEPC) ने किया है।
CEPC के निदेशक असलम महबूब ने कहा कि "कालीन शहर" भदोही का 60 प्रतिशत कारोबार अमेरिका को जाता है, जो अब अनिश्चितता की स्थिति में है।
उन्होंने बताया, "परिणाम बहुत गंभीर हैं। हमें 26 अगस्त तक माल भेजने की अनुमति थी, लेकिन उस तारीख के बाद से कोई नई उत्पादन नहीं हो रहा। 17,000 करोड़ रुपये के इस उद्योग में 60 प्रतिशत व्यापार अमेरिका को जाता है। ज्यादातर माल रुका हुआ है। फैक्ट्रियों ने अपनी स्टाफ की संख्या 60-70 प्रतिशत तक घटा दी है। ऐसे टैरिफ के साथ काम करना असंभव है।"
CEPC निदेशक ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह उद्योग के श्रमिकों को राहत देने के लिए टैरिफ के आधे खर्च को वहन करे, जबकि निर्यातक और व्यवसाय बाकी आधा खर्च करें।
उन्होंने कहा, "सरकार की मदद के बिना इस उद्योग को बचाया नहीं जा सकता।" उन्होंने केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप की भी मांग की।
CEPC निदेशक ने यह भी कहा कि अमेरिका के बाजार का विकल्प ढूँढना संभव है, लेकिन वहां पहुंचने में समय लगेगा।
अखिल भारतीय कालीन निर्माण महासचिव पियूष बरनवाल ने बताया कि कालीन व्यापार का बड़ा हिस्सा अमेरिका को निर्यात किया जाता है।
उन्होंने कहा, "98-99 प्रतिशत कालीन निर्यात होते हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत अमेरिका को जाता है। अमेरिका के टैरिफ के कारण यह कारोबार पूरी तरह रुक गया है। हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।"
अमेरिका की डोनाल्ड ट्रम्प सरकार द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ 27 अगस्त से लागू हो गए हैं, जो अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा विभाग (CBP) के नोटिस के बाद लगे हैं।
भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने पिछले महीने कहा था, "अमेरिका ने हाल ही में रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है। हमने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, जिसमें यह भी कहा गया है कि हमारा आयात बाजार के आधार पर होता है और यह भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जाता है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार छोटे उद्यमियों, किसानों और पशुपालकों की रक्षा करेगी, चाहे कोई भी दबाव हो।