आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंगलवार को केशोपुर मलजल शोधन संयंत्र (एसटीपी) से जुड़ी 20 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। यह जानकारी अधिकारियों ने दी.
इन परियोजनाओं में अधिकतर मौजूदा एसटीपी का उन्नयन, और 'सेवा पखवाड़ा' कार्यक्रम के तहत नयी सीवर लाइन बिछाना शामिल है, जिनका निर्माण 1800 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि ओखला एसटीपी का उद्घाटन स्थगित कर दिया गया है जो पहले कार्यक्रमों की सूची में था और जिसे एशिया की सबसे बड़ी इकाई बताया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के एक अधिकारी के अनुसार, मुख्य उद्घाटन समारोह केशोपुर में होगा, जहां बोर्ड 504.12 करोड़ रुपये की लागत से अपने दो मौजूदा मलजल शोधन संयंत्रों (एसटीपी) का विस्तार कर रहा है। उन्होंने बताया कि इन संयंत्रों से पश्चिमी दिल्ली के लगभग 25 लाख घरों के सीवेज का शोधन हो सकेगा.
जल संसाधन मंत्री प्रवेश वर्मा ने यह भी घोषणा की है कि हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में विकेंद्रीकृत मलजल शोधन संयंत्र (डीएसटीपी) स्थापित करने की कई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.
वर्मा ने कहा, ‘‘डीएसटीपी परियोजनाएं नालों और अन्य क्षेत्रों में स्थापित की जाएंगी जहां पारंपरिक संयंत्र स्थापित नहीं किए जा सकते। हमारी योजना हर घर को सीवर आधारभूत नेटवर्क से जोड़ने की है। इन डीएसटीपी से लगभग 11 लाख लोगों को लाभ होगा.’
अधिकारियों ने बताया कि पंद्रह डीएसटीपी के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिए गए हैं, जिससे नरेला, बवाना और मुंडका क्षेत्रों के घरों को जोड़ने वाली मौजूदा सीवेज शोधन क्षमता लगभग 39 एमजीडी बढ़ जाएगी.
इस डीएसटीपी परियोजना के अंतर्गत लगभग 59 आवासीय कॉलोनियां और 37 गांव शामिल होंगे, जिनमें ताजपुर, सुंगरपुर, जौंती, भक्तवरपुर गांव और पंजाब खोर, जाट खोर, खेड़ा खुर्द जैसी कॉलोनियां शामिल हैं.
इस वर्ष की शुरुआत में, दिल्ली सरकार ने डीजेबी द्वारा नियोजित 40 डीएसटीपी स्थापित करने की घोषणा की थी.