त्रिपुरा ने भारत की एकमात्र वानर प्रजाति को बचाने के लिए प्रयास तेज किए

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 25-07-2025
Tripura steps up efforts to save India's only ape species
Tripura steps up efforts to save India's only ape species

 

अगरतला
 
त्रिपुरा सरकार ने भारत में पायी जाने वाली बंदर की एकमात्र प्रजाति ‘वेस्टर्न हूलॉक गिबन’ की रक्षा के लिए एक विस्तृत कार्य योजना की घोषणा की, जिसे राज्य के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।
 
यह पहल राज्य की नाजुक जैव विविधता की सुरक्षा तथा गिबन की आबादी में चिंताजनक गिरावट से निपटने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
 
‘वेस्टर्न हूलॉक गिबन’ को ‘आईयूसीएन रेड लिस्ट’ में ‘‘लुप्तप्राय’’ श्रेणी में रखा गया है और इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 के अंतर्गत सर्वोच्च कानूनी सुरक्षा प्राप्त है। इसके बावजूद, आवासीय जंगलों के कटाव, शिकार और मानव-वन्यजीव संघर्षों के कारण इसकी संख्या में लगातार गिरावट देखी गई है।
 
पूर्वोत्तर का पारिस्थितिक रूप से समृद्ध राज्य त्रिपुरा भारत में गिबन की अंतिम शेष आबादियों में से एक को आश्रय देता है। लेकिन पहले की तरह घने जंगल अब सिकुड़ गए हैं, जिससे इनके सुरक्षित निवास क्षेत्र सीमित हो गए हैं।
 
साल 2005 में किए गए एक सर्वेक्षण में त्रिपुरा के तीन वन क्षेत्रों में 97 गिबन की गिनती की गई थी। अधिकारियों के अनुसार, यह संख्या अब घटकर 79 रह गई है, जो 32 समूहों में विभाजित हैं।
 
राष्ट्रीय स्तर पर, दो दशक पहले गिबन की आबादी लगभग 12,000 थी, लेकिन संरक्षणवादियों को आशंका है कि यह संख्या अब काफी कम हो सकती है।
 
इस चिंताजनक प्रवृत्ति को पलटने के लिए, त्रिपुरा वन विभाग ने त्रिपुरा विश्वविद्यालय और एनजीओ ‘आरण्यक’ के सहयोग से इस वर्ष एक बहु-हितधारक कार्यशाला का आयोजन किया, ताकि एक सुदृढ़ संरक्षण रूपरेखा तैयार की जा सके।
 
इस परियोजना से सक्रिय रूप से जुड़े हुए त्रिपुरा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सब्यसाची दासगुप्ता ने कहा कि दीर्घकालिक जनसंख्या निगरानी के लिए प्रोटोकॉल स्थापित करना और सिकुड़ चुके वन क्षेत्रों को पुनर्स्थापित करना कार्ययोजना का हिस्सा है।
 
उन्होंने कहा कि वनकर्मियों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों को वन्यजीव संरक्षण में प्रशिक्षण देना, पारिस्थितिक और व्यवहारिक अनुसंधान करना, साथ ही संरक्षण प्रयासों में सामुदायिक जागरूकता और भागीदारी को बढ़ावा देना भी इसके उद्देश्य हैं।
 
गोमती के प्रभागीय वन अधिकारी एच. विग्नेश ने बताया कि अमरपुर उपखंड में गिबन देखे गए हैं। हालांकि, इनकी आबादी के सटीक आंकड़ें अभी एकत्र किए जा रहे हैं।