जम्मू
जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में हुई मूसलाधार बारिश के बीच मंगलवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात फिर से स्थगित कर दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र बारहमासी मार्ग, 250 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग पर यातायात स्थगित कर दिया गया है। बारिश के कारण समरोली और बनिहाल सेक्टर के बीच कई जगहों पर भूस्खलन और पहाड़ी से पत्थर गिरने के बाद यातायात स्थगित कर दिया गया है।
यातायात विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि खराब मौसम और भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए एहतियात के तौर पर वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जा सकती।
सोमवार शाम जारी पूर्वानुमान में, मौसम विभाग के एक प्रवक्ता ने 2 और 3 सितंबर को जम्मू संभाग के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
प्रवक्ता ने कहा, "कठुआ, जम्मू, उधमपुर और रियासी में भारी से बहुत भारी बारिश और जम्मू क्षेत्र के डोडा, सांबा, राजौरी, पुंछ, रामबन, किश्तवाड़ और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग और कुलगाम में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है, मुख्यतः 2 सितंबर की देर रात या 3 सितंबर की सुबह से देर दोपहर तक।"
उन्होंने कहा कि कई संवेदनशील स्थानों पर बादल फटने, अचानक बाढ़ आने, भूस्खलन या पहाड़ियों से पत्थर गिरने और नदियों व नालों में जल स्तर बढ़ने की संभावना है। उन्होंने लोगों से जल निकायों से दूर रहने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से बचने का आग्रह किया।
अधिकारियों ने बताया कि छह दिनों तक बंद रहने के बाद राजमार्ग सोमवार को आंशिक रूप से यातायात के लिए खोला गया था और तदनुसार, कश्मीर जाने वाले आवश्यक वस्तुओं से भरे ट्रकों सहित अधिकांश फंसे हुए यातायात को साफ कर दिया गया था।
उन्होंने बताया कि अंतिम रिपोर्ट मिलने तक जम्मू क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में मूसलाधार बारिश जारी थी।
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटों में कठुआ जिले में सबसे अधिक 25.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद जम्मू (17.8 मिमी), रामबन के बटोटे (17.6 मिमी) और कटरा (15.8 मिमी) का स्थान रहा।
प्रवक्ता ने बताया कि कश्मीर घाटी में, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर काजीगुंड में रात भर 23.2 मिमी, उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग में 14.8 मिमी, दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 11.4 मिमी और श्रीनगर में 6.1 मिमी बारिश दर्ज की गई।
हालांकि, भोर होने से पहले ही बारिश रुक गई और बाद में घाटी में सुबह का सूरज चमक उठा।