कुल्लू (हिमाचल प्रदेश)
पिछले दो दिनों से हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बी्यास नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और राज्य में बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है।
कुल्लू ज़िले में ही 130 सड़कें क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद कर दी गई हैं, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग-03 पर आवागमन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।
कुल्लू की उपायुक्त तोरुल एस. रविश ने बताया कि बस स्टैंड पर जलभराव की स्थिति है और बहंग क्षेत्र में कई रेस्तरां और दुकानें पानी से प्रभावित हुई हैं।
उन्होंने बताया, “पिछले 2-2.5 दिनों से कुल्लू में लगातार बारिश हो रही है, जिससे जल स्तर में काफी बढ़ोतरी हुई है। कई सड़कें टूट चुकी हैं और राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हुआ है। बींदू ढांक के पास एनएच-3 को नुकसान पहुंचा है। बहंग के पास बीआरओ के हिस्से में रेस्तरां और दुकानों को पानी ने नुकसान पहुंचाया है। खनन से जुड़े संपर्क मार्ग भी प्रभावित हैं।”
जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है और सभी शैक्षणिक संस्थानों — स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण केंद्रों — को एक दिन के लिए बंद कर दिया गया है।
डीसी रविश ने कहा कि खराब मौसम के चलते पर्यटन पर भी नकारात्मक असर पड़ा है। "हम लगातार पर्यटकों को जरूरी सूचनाएं दे रहे हैं। इस समय पर्यटकों की संख्या और होटलों में बुकिंग काफी कम है। हमने पर्यटन विभाग को आवश्यक उपायों के लिए सूचित कर दिया है। किसी भी चिंता की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाएगी," उन्होंने बताया।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, राज्यभर में भारी बारिश के कारण अब तक 68 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं।
एसडीएमए की रिपोर्ट के अनुसार,
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2,349 बिजली ट्रांसफॉर्मर बंद हो गए हैं
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234 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं
मंगलवार सुबह के बुलेटिन में एसडीएमए ने बताया कि इस वर्ष 20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन के बाद से राज्य में अब तक कुल 306 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें
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156 लोग बारिश जनित घटनाओं (भूस्खलन, अचानक बाढ़, घर गिरने आदि)
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150 लोग सड़क हादसों में जान गंवा चुके हैं।
पिछले 24 घंटों में बारिश के कारण कुल्लू, मंडी, शिमला और किन्नौर जिलों में कई भूस्खलन हुए और सड़कें बह गईं। राष्ट्रीय राजमार्ग NH-03, NH-05 और NH-305 कई स्थानों पर मलबे और सड़क धंसने के कारण बंद पड़े हैं।
ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। 2,300 से अधिक ट्रांसफॉर्मर बंद होने से हजारों घरों में अंधेरा छा गया है। साथ ही, पेयजल योजनाएं ठप होने से कई गांवों में पानी की किल्लत हो गई है।
एसडीएमए ने आगाह किया है कि मानसून अभी सक्रिय है और भूस्खलन व फ्लैश फ्लड का खतरा अभी भी बना हुआ है। जनता से अपील की गई है कि वे अवश्यक न हो तो यात्रा न करें और अधिकारिक निर्देशों का पालन करें।
इसी बीच शिमला जिला प्रशासन ने भी भारी बारिश के कारण सभी शैक्षणिक संस्थानों को आज के लिए बंद रखने का आदेश जारी किया है।
उपायुक्त अनुपम कश्यप द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, नर्सिंग संस्थान और आंगनवाड़ी केंद्र छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आज बंद रहेंगे।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
जिले के सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि वे इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें, ताकि छात्रों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।