जयपुर,
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अरावली पर्वतमाला को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए स्पष्ट किया कि उनकी सरकार अरावली के संरक्षण को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस क्षेत्र से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और प्राकृतिक धरोहर की रक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अरावली पर्वतमाला से जुड़े अपने ही दल के पुराने फैसलों की समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से 2002, 2003, 2009 और 2010 में अरावली की परिभाषा को लेकर लिए गए निर्णयों का उल्लेख किया और कहा कि इन्हीं नीतिगत फैसलों के कारण पर्यावरणीय असंतुलन और अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिला।
उन्होंने कहा,\“हम गिरिराज जी के भक्त हैं और उनकी पूजा करते हैं। हम किस भावना और जिम्मेदारी के साथ काम कर रहे हैं, इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस को पहले अपने कार्यकाल में किए गए फैसलों पर आत्ममंथन करना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन के दौरान अरावली क्षेत्र में अवैध खनन बड़े पैमाने पर हुआ, जिसके खिलाफ साधु-संतों और पर्यावरण प्रेमियों को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने बताया कि अवैध खनन के विरोध में संत समाज को 551 दिनों तक आंदोलन करना पड़ा, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई।
भजनलाल शर्मा ने दोहराया कि मौजूदा सरकार पर्यावरण संरक्षण, अरावली की जैव-विविधता और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अरावली पर्वतमाला को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।मुख्यमंत्री के इस बयान को आगामी राजनीतिक बहस और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मुद्दों के संदर्भ में अहम माना जा रहा है।






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