नई दिल्ली
राजधानी में प्रदूषण से निपटने और पर्यावरणीय प्रशासन को मज़बूत करने के लिए दिल्ली कैबिनेट ने मंगलवार को कई अहम फैसलों को मंज़ूरी दी। यह निर्णय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में लिए गए। पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा कि इन कदमों से वायु और जल प्रदूषण के स्रोतों में “निर्णायक कमी” आएगी और दिल्ली को अधिक स्वच्छ व टिकाऊ शहर बनाने में मदद मिलेगी।
कैबिनेट ने दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले जलाशयों के पुनर्जीवन के लिए 100 करोड़ रुपये के आवंटन को मंज़ूरी दी। दिल्ली में करीब 1000 जलाशय हैं, जिनमें से 160 सीधे तौर पर सरकार के अंतर्गत आते हैं। सिरसा के अनुसार, पहले इस कार्य के लिए 19 करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि नए आवंटन के साथ लक्ष्य सभी चिन्हित जलाशयों का शत-प्रतिशत पुनर्जीवन है। इसके लिए डीडीए से भी समन्वय किया जाएगा।
इसके अलावा, होलंबी कलां में 11.5 एकड़ में दिल्ली का पहला अत्याधुनिक ई-वेस्ट पार्क स्थापित करने को मंज़ूरी मिली है। यह पार्क ‘जीरो वेस्ट’ और ‘100 प्रतिशत सर्कुलर’ मॉडल पर आधारित होगा, जिसमें पानी का पूर्ण पुनर्चक्रण किया जाएगा और किसी भी तरह का जल या वायु प्रदूषण नहीं होगा।
एक अन्य फैसले में दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसों का संचालन अगले वित्तीय वर्ष से DIMTS से वापस DTC को सौंपने का निर्णय लिया गया। इससे रूट प्लानिंग बेहतर होगी, जवाबदेही बढ़ेगी और ड्राइवर-कंडक्टरों को रोजगार में स्थिरता मिलेगी।
सरकार ने यह भी तय किया है कि ‘नो पीयूसीसी, नो फ्यूल’ अभियान GRAP हटने के बाद भी जारी रहेगा। हालिया जांच में अनियमितताओं के चलते 12 पीयूसीसी केंद्रों पर कार्रवाई की गई है, जबकि 800 से अधिक प्रदूषणकारी इकाइयों पर नोटिस या सीलिंग की कार्रवाई हुई है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदूषण फैलाने वाले किसी भी स्रोत को बख्शा नहीं जाएगा।