नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के बनासकांठा जिले में आदिवासी समुदाय पर हुई कथित हिंसा की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस घटना को “शर्मनाक” करार देते हुए समयबद्ध और निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिल सके।
केजरीवाल ने कहा कि भाजपा शासन में दशकों से चले आ रहे अन्याय, शोषण और दमन ने आदिवासी समुदाय को हाशिये पर धकेल दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आदिवासी समाज को सहानुभूति नहीं, बल्कि लंबे समय से लंबित न्याय चाहिए।
आप विधायक और आदिवासी नेता चैतार वसावा द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा किए गए वीडियो और तस्वीरों को रीट्वीट करते हुए केजरीवाल ने कहा,“पिछले 30 वर्षों में भाजपा ने गुजरात के आदिवासी समाज के साथ केवल अन्याय, शोषण और दमन किया है। उनके अधिकारों को योजनाबद्ध तरीके से छीना गया और उनकी आवाज़ को दबाया गया।”
उन्होंने आगे कहा कि बनासकांठा जिले के पलडिया गांव में आदिवासियों के खिलाफ हुई हिंसा बेहद निंदनीय है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि आदिवासी समुदाय वर्षों से पानी, जंगल और ज़मीन पर अपने वैध अधिकारों की मांग कर रहा है, लेकिन भाजपा सरकार ने हर बार वादों के नाम पर उन्हें धोखा दिया। उन्होंने कहा कि अब आदिवासी समाज न्याय की मांग कर रहा है।
इस बीच, आप विधायक चैतार वसावा ने बताया कि बनासकांठा जिले के अंबाजी के पास पलडिया गांव में ज़मीन से जुड़े विवाद के दौरान आदिवासियों, वन विभाग और पुलिस के बीच हिंसक घटना हुई। घटना की सच्चाई जानने के लिए आप के पदाधिकारियों, पार्टी की कानूनी टीम और आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों का एक दल गांव पहुंचा।
वसावा ने आरोप लगाया,“विकास और पूंजीपतियों के हितों के नाम पर, भाजपा सरकार अपने वन मंत्री के इशारे पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और वन कर्मियों का इस्तेमाल कर आदिवासियों को उनकी ज़मीन से जबरन बेदखल कर रही है। आम आदमी पार्टी इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि घटना के दौरान पुलिस ने जानबूझकर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे और करीब 50 राउंड फायरिंग की गई।आप विधायक ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पुलिस अधिकारियों और वन विभाग के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और वन अधिकार अधिनियम के उल्लंघन को लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की है।






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