आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
सर्दी के मौसम में मांग बढ़ने के बीच स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को सरसों, मूंगफली एवं सोयाबीन तेल-तिलहन और बिनौला तेल जैसे अधिकांश तेल-तिलहनों के दाम सुधार के साथ बंद हुए। कामकाज बेहद कमजोर रहने से कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के दाम स्थिर बने रहे।
शिकागो एक्सचेंज बुधवार रात सुधार के साथ बंद हुआ था और फिलहाल यहां घट-बढ़ है। दूसरी ओर मलेशिया एक्सचेंज में सुधार का रुख है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सटोरिये सरसों के दाम ऊंचा लगा रहे हैं। इसके अलावा बड़े मिल वाले भी दाम ऊंचा बोल रहे हैं जिसकी वजह से सरसों में सुधार है। वैसे दाम ऊंचा रहने से सरसों की मांग प्रभावित है लेकिन बाकी देशी तिलहनों के विपरीत सरसों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जाड़े में अच्छी गुणवत्ता वाले मूंगफली की साबुत खाने की मांग के साथ साथ खाद्यतेल की मांग बढ़ने से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम में भी अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले सुधार है। दरअसल, मूंगफली के दाम एमएसपी से लगभग 12-14 प्रतिशत नीचे बने हुए हैं।
सूत्रों ने कहा कि मूर्गीदाने में उपयेग होने वाले सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) की महाराष्ट्र की मांग बढ़ने से सोयाबीन तेल-तिलहन में भी पिछले बंद भाव के मुकाबले सुधार है मगर अभी भी सोयाबीन के दाम एमएसपी से 12-15 प्रतिशत नीचे बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि मूंगफली के दाम छह रुपये किलो बढ़ने के बाद विकल्प के रूप में विशेषकर गुजरात में बिनौले की मांग बढ़ी है जिससे बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार है।
सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत होने के बावजूद कामकाज बेहद कमजोर रहने के बीच सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम अपरिवतित रहे। मलेशिया में भी सटोरिये दाम ऊंचा बोल रहे हैं हालांकि जाड़े की वजह से और दाम ऊंचा होने के बीच निकट भविष्य में पाम-पामोलीन की मांग में सुधार की गुंजाइश कम है।