Opposition question on "Ji Ram Ji" bill: Did the government try to build consensus?
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
राज्यसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार से सवाल किया कि क्या उसने ‘‘जी राम जी’’ विधेयक पर सर्वसम्मति बनाने का प्रयास किया। सदस्यों ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग की, ताकि इस पर व्यापक विचार किया जा सके। वहीं सत्ता पक्ष ने दावा किया कि इस कानून से मनरेगा में मौजूद भ्रष्टाचार दूर होगा तथा अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ को सदन में चर्चा एवं पारित करने के लिए पेश किया।
उच्च सदन में चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक ने कहा कि राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून वर्ष 2005 में सर्वसम्मति से पारित किया गया था और उससे पहले इस संबंध में व्यापक विचार विमर्श किया गया था। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या उसने नये विधेयक पर सहमति बनाने का कोई प्रयास किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसे राजनीतिक हथियार बनाकर लाया गया है।
वासनिक ने कहा कि मनरेगा मांग आधारित योजना थी, जिसमें पूरे साल काम की गारंटी थी और इसमें केंद्र की ओर से पैसे की कोई सीमा नहीं थी, लेकिन प्रस्तावित कानून में इसे बदल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार तीन दिन पहले कानून लेकर आती है, (और इस बारे में) किसी से कोई चर्चा नहीं करती। उन्होंने इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग करते हुए कहा कि सरकार इतनी जल्दबाजी में क्यों है, क्या उसे सत्ता खोने का डर है।